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अश्विनी चौबे ने शेर और बाघ शावकों का किया नामकरण

  •  नंदनकानन चिड़ियाघर में शेर के शावक का नाम कामिनी तथा बाघ के शावक का नाम हिमांशी रखा

  •  केंद्रीय मंत्री ने दोनों के केयरटेकरों को पुरस्कृत करने की घोषणा की

भुवनेश्वर। केंद्रीय पर्यावरण और वन राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने रविवार को नंदनकानन चिड़ियाघर में एक शेर शावक और बाघ शावक का नामकरण किया। दोनों शावकों का जन्म इसी साल मार्च में हुआ था। शेर के शावक का नाम कामिनी रखा गया है, जबकि बाघ के शावक का नाम हिमांशी रखा गया है।
इस दौरान चौबे ने दोनों शावकों को उनकी मां की तरह पालने के लिए कार्यवाहक हेमंत और प्रशांत की प्रशंसा की। मंत्री ने दोनों केयर टेकरों को पुरस्कार देने का भी वादा किया।
नंदनकानन का दौरा करने के बाद चौबे ने आज चिड़ियाघर के अधिकारियों की उनके काम के लिए सराहना की और पार्क को जानवरों के लिए स्वर्ग कहा। मंत्री ने चिड़ियाघर के अंदर जानवरों के लिए बने अस्पताल का भी दौरा किया और इस सुविधा की सराहना की। इस दौरान उन्होंने मंजू नामक इलाजरत चीते को भी देखा। चौबे ने एक वर्षीय शेर शावक बरशा को भी देखा और पैंगोलिन प्रशिक्षण केंद्र भी गये।
बताया जाता है कि चौबे ने चिड़ियाघर के अधिकारियों को चिड़ियाघर को एक शब्द श्रेणी की सुविधा में बदलने के लिए अनुदान और मौद्रिक सहायता के रूप में हर तरह की मदद देने का आश्वासन दिया है।
चौबे ने कहा कि दोनों शावकों की माताओं का पालन-पोषण शेर और बाघ के शावकों ने नहीं किया। उनका पालन-पोषण हेमंत और प्रशांत ने किया है। दोनों केयरटेकर ने शावकों पर अपना प्यार बरसाया है और उनका प्रयास काबिल-ए-तारीफ है। मुझे दोनों शावकों का नामकरण करके खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क भुवनेश्वर में आकर पशुओं के जीवन को और निकट से देखने का सौभाग्य मिला। प्रशांत जी ने वर्षा (बाघ की बच्ची) का पालन पोषण किया है अब वह एक वर्ष से अधिक हो चुकी है। अभी और दो नन्हे शावक, एक शेर की बच्ची, एक बाघ की बालिका का पालन कर रहे हैं। ये दोनों करीब चार माह के हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य और जानवर का ऐसा अद्भुत प्रेम देखकर मन प्रफुल्लित हो गया।
उन्होंने बताया कि घायल पशुओं के लिए बने हॉस्पिटल में भी मैं गया। वहां एक वर्षीय घायल तेंदुआ का इलाज चल रहा है। केंद्रीय मंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि
प्रकृति और मनुष्य का ऐसा समन्वय स्थापित हो तो जानवर भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। इसके लिए उन्होंने नंदनकानन की पूरी टीम को बधाई और धन्यवाद दिया।

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