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नुकसान की तुलना में कम मिली राशि
भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए 128.58 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। हालांकि नुकसान की तुलना में यह राशि काफी कम बतायी गयी है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देशानुसार मकान निर्माण में सहायता, बर्तनों के लिए सहायता, कृषि आधारित सहायता, बालू की ढुलाई के लिए सहायता, मृत मवेशियों को लेकर मुआवजा, क्षतिग्रस्त नावों और मछली पकड़ने के जाल के लिए सहायता के लिए 128.58 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि से मछली पालकों, हथकरघा बुनकर, हस्तशिल्प कारीगर, और रेशम उत्पादन किसान की भी मदद की जायेगी।
इसी प्रकार प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को भोजन सहायता के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अब तक जिला कलेक्टरों को 99,92,97,000 रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
सार्वजनिक संपत्ति की तत्काल बहाली के लिए जल संसाधन विभाग को 5277.69 लाख रुपये, शहरी विकास विभाग को 201944 लाख, ग्रामीण विकास विभाग को 4254.70 लाख रुपये, आवास एवं शहरी विकास विभाग को 607.72 लाख रुपये और बिजली विभाग को 503.38 लाख रुपये की जरूरत है, लेकिन आपदा राहत कोष के नियम व शर्तों के अनुसार जल संसाधन विभाग को 4353.92 लाख, शहरी विकास विभाग को 1367.25 लाख रुपये, ग्रामीण विकास विभाग को 2414.37 लाख रुपये, आवास एवं शहरी विकास विभाग को 82.46 लाख रुपये और बिजली विभाग को आपदा राहत कोष से 497.51 लाख की राशि स्वीकृत की गई है।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उक्त विभागों को सामान्य सम्पत्ति की तत्काल मरम्मत एवं जीर्णोद्धार के लिए कुल 8715.51 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है।
इस बीच, जल संसाधन विभाग, शहरी विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, आवास और शहरी विकास विभाग और ऊर्जा विभाग से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की सूचना मिली है। पिछले अगस्त के दूसरे और तीसरे सप्ताह में बाढ़ और भारी बारिश के कारण, राज्य के 24 जिले, अनुगूल, बरगढ़, बौध, नयागढ़, संबलपुर, सोनपुर, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, खुर्दा, पुरी, भद्रक, बालेश्वर, जाजपुर, केंदुझर, मयूरभंज, बलांगीर, झारसुगुड़ा, कलाहांडी, कंधमाल, कोरापुट, नवरंगपुर, नुआपड़ा और सुंदरगढ़ प्रभावित हुए हैं। जिला प्रशासन से प्राप्त क्षति आकलन के आंकड़ों के अनुसार, 14,235 घर, 1,236 गौशाला क्षतिग्रस्त हुए हैं। 5,036 हेक्टेयर कृषि भूमि पर बालू भर गया। 1,26,162 हेक्टेयर कृषि भूमि में 33 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है।