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भ्रष्ट अधिकारियों के प्रति कार्यवाही नहीं किये जाने का लग रहा आरोप
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बालेश्वर में लोगों के बीच हो रही चर्चा जोरों पर
गोविंद राठी, बालेश्वर।
भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस के हत्थे चढ़े पुलिस अधिकारी सरोजिनी नायक और धनेश्वर साहू अब कहां हैं और वे अभी क्या कर रहे हैं, इसको लेकर बालेश्वर में चर्चा शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि पुलिस के प्रति पुलिस की लाव-लपेट के चलते दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि एक ओर जहां राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरोजिनी और धनेश्वर के खिलाफ लंबे समय से सिर्फ जांच चल रही है।
उल्लेखनीय है कि एक जुलाई, 2020 को बालेश्वर टाउन थाने की तत्कालीन आईआईसी सरोजिनी नायक विजिलेंस के जाल में फंस गई थीं. उस समय थाने के तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर विमल कुमार कर को विजिलेंस ने एक जमीन विवाद को निपटाने के लिए एक दलाल से 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा और विजिलेंस के सामने उन्होंने स्वीकार किया कि आईआईसी सरोजिनी नायक उनके साथ शामिल हैं. एसआई कर और संबंधित दलाल को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। कहा जा रहा है कि उसके बाद से थाना अधिकारी सरोजिनी नायक फरार हो गईं एवं उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला। सात महीने बाद आखिरकार उन्होंने बालेश्वर विजिलेंस कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। विजिलेंस ने जमीन पट्टा मामले में रिश्वत लेने के आरोप में सरोजिनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। गिरफ्तार होने और जमानत पर रिहा होने के बाद वह अब क्या कर रही हैं, वह नौकरी पर हैं या छुट्टी पर; इसकी खबर पुलिस महकमे में किसी को नहीं है.
इसी तरह, नशे के व्यापार में पकड़े जाने एवं जमानत पर बाहर होने के बाद एक माफिया के जब्त वाहन को छुड़ाने के लिए तत्कालीन जलेश्वर थाना आईआईसी धनेश्वर साहू के साथ पैसे का लेन-देन करने का एक ऑडियो सामने आया था। कथित तौर पर फोन में एक तरफ ब्राउन शुगर माफिया था, तो दूसरी तरफ इंस्पेक्टर धनेश्वर बात कर रहे थे। इस घटना का खुलासा होने के बाद से धनेश्वर कहां हैं और क्या कर रहे हैं। इस बारे में पुलिस विभाग में किसी ने कुछ नहीं पता है।
विजिलेंस और क्राइम ब्रांच में उनके खिलाफ तीन केस दर्ज होने को दो साल हो गए हैं, न तो विजिलेंस और न ही क्राइम ब्रांच उन्हें पकड सकी है? इसी बीच खबर आई है कि क्राइम ब्रांच में एक मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है, फिर भी वह दो और मामलों को तुरंत निपटाने के लिए बेताब प्रयास कर रहे हैं।
अगर पूर्व थाना अधिकारी धनेश्वर को समय रहते पकड़ लिया जाता, तो जलेश्वर में ब्राउन शुगर जैसे जहर के कारोबार के पीछे कौन है, इसका खुलासा हो जाता। धनेश्वर को गिरफ्तार करने में सतर्कता और अपराध शाखा दोनों के ढुलमुल रवैये के कारण यह मामला व्यापक रूप से चर्चा में है। लोगों का कहना है कि वह आसानी से अन्य दो मामलों से बच जाएंगे और फिर से नौकरी में शामिल होंगे।