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बाल रोग विशेषज्ञों, त्वचा विशेषज्ञों और चिकित्सा विशेषज्ञों को दिया जायेगा बीमारी से निपटने को लेकर प्रशिक्षित
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हर जिले में नामित होंगे एक-एक नोडल अधिकारी
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आईसीएमआर (आरएमआरसी) को जांच केंद्र बनाने को लेकर राज्य ने केंद्र को लिखा पत्र
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने को लेकर तैयारियां तेज कर दी है. इसके लिए राज्य सरकार चिकित्सा विशेषज्ञयों को विशेष प्रशिक्षण देगी तथा समन्वय के लिए राज्य के हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगी. यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास ने दी.उन्होंने बताया कि अगस्त के दूसरे सप्ताह से बाल रोग विशेषज्ञों, त्वचा विशेषज्ञों और चिकित्सा विशेषज्ञों को मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि लोगों को सचेत रहने की जरूरत है. किसी भी प्रकार से घबड़ाने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स की स्थिति पर स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करने के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी को नामित किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को ओडिशा में मंकीपॉक्स परीक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए पत्र लिखा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में 15 जगहों को मंकीपॉक्स टेस्टिंग के लिए अधिसूचित किया है. ओडिशा में यह जांच आईसीएमआर (आरएमआरसी) में की जा सकती है, लेकिन इसके लिए हमें केंद्र से अनुमति लेनी होगी. दास ने कहा कि अगर किट प्रदान की जाती हैं, तो भुवनेश्वर में मंकीपॉक्स के नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है.
रोकथाम के लिए एसओपी जारी
पड़ोसी राज्यों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है. इसे लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए 10 अगस्त से एससीबी कटक में प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण में प्रत्येक जिले से एक बाल रोग, त्वचा एवं चिकित्सा विशेषज्ञ भाग लेंगे.
जागरुकता के लिए कमेटी बनी
मंकीपॉक्स के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने की कवायद शुरू की जायेगी. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी लोगों को जागरुक करने के लिए काम शुरू करेगी. मंत्री ने बताया कि एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रो डॉ जयंत दास के नेतृत्व में मंकीपॉक्स के लिए कमेटी गठित की जा चुकी है.