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बीमारी को ठीक करने दे लिए गमर लोहे के छड़ से दागने से हुई मौत
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सर्दी और बुखार से था पीड़ित
नवरंगपुर. ओडिशा के नवरंगपुर जिले में एक नौ महीने का बच्चा अंधविश्वास की भेंट चढ़ गया. बीमारी को ठीक करने के लिए गरम लोहे के छड़ से दागने कारण उसकी मौत हो गयी. उसकी पहचान रुपेश गोंड, उम्र नौ के रूप में बतायी गयी है. वह जिले के जदपड़ा गांव के सुखदेव गोंड का बेटा था. बताया जा रहा है कि वह सर्दी और बुखार से पीड़ित था. स्थानीय आशाकार्यकर्ता सहंति गोंड मंगलवार को उनके घर गयी तथा अविभावकों को बच्चे को नजदीकी अस्पताल ले जाने की सलाह दी. हालांकि, परिवार ने पारंपरिक उपचार अपनाने का फैसला किया. बुधवार को उन्होंने एक बूढ़ी महिला को अपने घर बुलाया, जिसने रूपेश को गरम लोहे के छड़ से उसे दाग दिया. इसकी सूचना पाते ही आशाकार्यकर्ता सहंती मौके पर पहुंची और तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया. एंबुलेंस के पहुंचने के बाद रूपेश को गंभीर हालत में हाताभरंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. डॉक्टर ने सलाह दी कि रूपेश को स्वस्थ होने तक स्वास्थ्य केंद्र में ही रहना होगा. रूपेश के परिवार को स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराना पसंद नहीं था और वे घर वापस जाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें ऐसा करने से इनकार कर दिया. गुरुवार सुबह करीब 10 बजे जब आशाकार्यकर्ता और डॉक्टर सीएचसी पहुंचे तो उन्होंने देखा कि रूपेश को उसके परिवार के सदस्य उठा ले गये हैं. इस संबंध में डॉक्टर ने कुंडेई थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसके बाद सहंति रूपेश के घर पहुंची तो उसने देखा कि उस पर फिर से गरम लोहे से उसे दागा जा रहा है. उसने परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आखिरकार शुक्रवार की तड़के रूपेश की मौत हो गई.