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एक नियम को लेकर विधानसभा की कार्रवायी के दौरान हुए आमने-सामने
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विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने मामला शांत कराया
भुवनेश्वर. विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल में विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी और राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री निरंजन पुजारी आमने-सामने दिखे. इस दौरान संसदीय मामलों के मंत्री पर विपक्ष के मुख्य सचेतक भड़के उठे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरूख ने मामला को शांत कराया.
प्रश्नकाल में एक मुद्दा उठाते हुए प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी बोल रहे थे. तभी संसदीय मामलों के मंत्री निरंजन पुजारी ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने यह शिकायत की कि वह डॉक्यूमेंट देकर पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना किसी भी डॉक्यूमेंट को पढ़ा नहीं जा सकता. इससे विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी भडक गये. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शांत कराया तथा उन्हें शांत भाव से अपनी बात रखने को कहा.
शून्यकाल में विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने पुलिस विभाग से संबंधित एक मुद्दा उठा रहे थे, तभी संसदीय मामलों के मंत्री निरंजन पुजारी ने इसे लेकर आपत्ति व्यक्त की. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना सदन में कोई डॉक्यूमेंट पढ़ा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों से देख रहे हैं कि प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक सदन में डॉक्यूमेंट को पढ़ रहे हैं. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने विधायक को डॉक्यूमेंट पढ़ने की अनुमति नहीं दी है. इधर, मंत्री के आपत्ति के बाद विपक्ष के मुख्य सचेतक भड़के और प्रश्न किया कि क्या संसदीय मामलों के मंत्री ने विधानसभा में कभी बिना किसी कागज को देखे कुछ कहा है. मोहन माझी ने कहा कि वह डॉक्यूमेंट को देखकर नहीं पढ़ रहे हैं, बल्कि वहां से बिंदुओं को देख कर अपनी बात रख रहे हैं. बिना बिंदुओं को देखें कैसे सवाल किया जा सकता है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने कहा कि मोहन माझी को सलाह दी कि वह शांत होकर अपनी बात रखें.