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विधानसभा में गूंजा काशीपुर में डायरिया से मौत का मामला

  •  मृतकों के आंकड़ों पर प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक ने सरकार को घेरा

  •  कहा- इलाके में कुल 14 लोगों की मौत, लेकिन सरकार ने सिर्फ नौ मौत की बात स्वीकारी

  •  सर्वदलीय कमेटी प्रभावित इलाके में भेजने की मांग

  •  प्रभावित परिवार को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग

भुवनेश्वर. ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को रायगड़ा जिले के काशीपुर में उल्टी व दस्त के कारण मौतों का मामला एक बार फिर से उठा. इस मुद्दे को लेकर कुछ समय के लिए भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया. मौत के आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार को जमकर घेरा.
शून्यकाल में प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने इस मुद्दे को उठाकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि उस इलाके में कुल 14 लोगों की मौत हुई है, लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ नौ लोगों की मौत होने की बात को स्वीकार की है. राज्य सरकार का कहना है कि अन्य 5 लोगों की स्वाभाविक मौत हुई है. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि उन 5 लोगों की मौत को राज्य सरकार छुपाना चाहती है. इस कारण उन 5 लोगों की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी विधानसभा के समक्ष रखी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल काशीपुर ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों में भी यह बीमारी फैलनी प्रारंभ की है.
शून्यकाल में प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने इसके लिए एक सर्वदलीय टीम का गठन करने की मांग की, ताकि वह इलाके का दौरा कर स्थिति का जायजा ले सके. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इलाके के लिए जैसा विकास करना चाहिए था वैसा नहीं किया है. यही कारण है कि वहां ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.
उधर, कांग्रेस के विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने भी शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि काशीपुर में 14 लोगों की मौत हुई है. वहीं कोरापुट जिले के दशमंतपुर में तीन लोगों की मौत हुई है. इस कारण अविभाज्य कोरापुट जिले में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने भी एक इस मामले की जांच के लिए विधानसभा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करने की मांग को दुहराया. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कारण जान गंवाने वाले परिवार को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिया जाये.

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