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सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत याचिका मंजूर की
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एक साल तक अपने विधानसभा में नहीं जाने की अनुमति
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पांच लोगों के साथ नहीं कर सकते हैं बैठक
भुवनेश्वर. खुर्दा जिले के बाणपुर में लोगों की भीड़ को कार से टक्कर मारने के मामले में चिलिका के निलंबित विधायक प्रशांत जगदेव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है. बीते 12 मार्च को खुर्दा जिला के बाणपुर प्रखंड कार्यालय के बाहर उन्होंने अपनी एसयूवी भीड़ में चला दी थी, जिसमें पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गये थे.
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त पर जमानत दी है. इस शर्त के अनुसार, जगदेव एक साल के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र नहीं जा सकते हैं. वह केवल जिलाधिकारी की अनुमति से ही आ सकते हैं. अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जगदेव एक समय में पांच से अधिक व्यक्तियों के साथ कोई बैठक नहीं कर सकते हैं. निचली अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दिया था. इसके बाद विधायक ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था. अप्रैल में उच्च न्यायालय ने उन्हें स्वास्थ्य आधार पर सात दिनों की अवधि के लिए अंतरिम जमानत दी थी. इसके बाद अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि दो बार 11 और 23 मई तक बढ़ा दी थी. इसके बाद जगदेव को 23 मई को उनकी जमानत की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करने के बाद बाणपुर उप जेल भेज दिया गया.