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दो सप्ताह में फसल बीमा राशि का भुगतान करें बीमा कंपनियां

  •  सभी वास्तविक फसली बीमा दावों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश

  •  मामले में किसी भी तरह की देरी को सरकार गंभीरता से लेगी – मुख्य सचिव

  •  खरीफ की आठ और रबी की 9 फसलें होंगी फसल बीमा योजना में कवर

  •  राज्यस्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति की बैठक में लिया गया निर्णय

भुवनेश्वर. खरीफ सीजन-2022 की आठ फसलें और रबी सीजन 2022-23 की 9 फसलें फसल बीमा योजना के तहत कवर की जायेंगी. सोमवार को यहां हुई राज्यस्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने बीमा कंपनियों को एक से दो सप्ताह के भीतर किसानों के बैंक खाते में सभी निर्धारित राशि का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों के मुद्दों में देरी नहीं की जा सकती है और उनके सभी वास्तविक दावों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए. उन्होंने कंपनियों को स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी भी तरह की देरी को सरकार गंभीरता से लेगी.
महापात्र ने कृषि और किसान अधिकारिता विभागों, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण और ओडिशा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से फसल वार ‘क्षेत्र और उपज मूल्यांकन’ की योजना तैयार करने का निर्देश दिया. इस मौके पर विशेष सचिव कृषि संजीव कुमार चड्ढ़ा ने चालू वर्ष के लिए फसल बीमा कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की. विकास आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने सिद्ध प्रौद्योगिकियों में से चुनने और राज्य के कृषि-जलवायु क्षेत्रों के अनुसार उन्हें अनुकूलित करने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी कहा कि सैटेलाइट इमेजरी डेटा सैनिटाइजेशन, साक्ष्य आधारित योजना और फसल बीमा के व्यापक कवरेज में काफी मददगार होगी. यह निर्णय लिया गया कि आगामी वर्ष से सभी फसल भूमि के लिए ‘फसल क्षेत्र और उपज’ का उपग्रह सत्यापन किया जायेगा.
बताया गया है कि खरीफ-2022 के दौरान आठ फसलों धान, मूंगफली, मक्का, अरहर, रागी, कपास, अदरक और हल्दी का बीमा किया जायेगा. रबी मौसम के लिए धान, मूंगफली, काला चना, हरा-चना, सरसों, सूरजमुखी, गन्ना, आलू और प्याज नामक नौ फसलों का बीमा किया जायेगा. आम तौर पर, ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय धान के लिए बीमा इकाई होगी और गैर-धान फसलों के लिए ब्लॉक बीमा इकाई होगी. खरीफ बीमा के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई होगी.
निवर्तमान निदेशक कृषि मुथु कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमबीएसवाई) के तहत राज्य और केंद्र सरकार दोनों के वित्त पोषण के साथ राज्य में फसल बीमा किया जा रहा है. प्रत्येक फसल के लिए प्रीमियम राशि का लगभग 98 प्रतिशत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समान आधार पर प्रदान किया जाता है और लगभग 2 प्रतिशत का योगदान संबंधित किसान द्वारा किया जाता है.
2021 के खरीफ सीजन के दौरान 10.50 लाख हेक्टेयर फसल भूमि वाले लगभग 12.30 लाख किसानों का नामांकन किया गया था. 2021-22 के रबी सीजन में नामांकन लगभग 0.34 लाख किसानों और 0.41 हेक्टेयर फसल भूमि का था. मुख्य सचिव महापात्र ने वर्तमान खरीफ और रबी सीजन के दौरान अधिक से अधिक गैर ऋणी किसानों को पीएमबीएसवाई के दायरे में लाने के निर्देश दिया. बैठक में प्रमुख सचिव (वित्त) विशाल कुमार देव, निदेशक कृषि प्रेम चंद्र चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

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