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विकास के श्लाका पुरुष थे – आचार्य तुलसी – मुनि जिनेश कुमार
कटक. युगप्रधान, महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा -3 के सान्निध्य में राष्ट्रसंत आचार्य श्री तुलसी का 26 वाँ महाप्रयाण दिवस। समारोह श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में विशाल अपार्टमेन्ट के प्रांगण में आयोजित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित
करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा कि अध्यात्म के क्षेत्र में संयम और तप में पराक्रम करने वाला विशिष्ट पुरुष होता है। आचार्य तुलसी संयम और तप के पुरोधा पुरुष थे। वे भारतीय संस्कृति के उज्ज्वल नक्षत्र थे। वे मानवता के मसीहा, शांति के पैगम्बर थे। वे विकास के श्लाका पुरुष थे। उन्होंने धर्मसंघ में विकास की गंगा बहाई। वे श्रम, सोच, सहिष्णुता, समन्वय, सेवा आदि सूत्रों के समवाय थे। वे पुरुषार्थ के मंत्रदाता थे। उन्होंने अपने श्रम से अणुव्रत आंदोलन से देश में नैतिक ज्योति जलाई। उन्होंने नारी जाति के उत्थान के लिए नारी जागरण, कुरूढ़ियों से जकड़े समाज के लिए नया मोड़, तनाव ग्रस्त नई पीढ़ी के लिए प्रेक्षाध्यान, नौनिहाल पीढ़ी के लिए जीवन विज्ञान, जैनशासन के लिए आगम संपादन, आदि अवदान प्रदान किये। समण दीक्षा उनका क्रांतिकारी कदम था वे उपायज्ञ, अवसरज्ञ, अनुशासन प्रिय व जागरुक व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जन्म लाडनू में हुआ और उनका महाप्रयाण आज ही के दिन 25 वर्ष पूर्व गंगाशहर में हुआ। वे सदेह आज हमारे मध्य नहीं हैं, परंतु उनका कर्तृत्व आज भी जन-जन के मुख पर बोल रहा है। आज उनके चरणों में भावांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धासित स्मरण करते हुए नमन करता हूँ। बाल मुनि कुणाल कुमार
ने स्मृति गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल द्वारा तुलसी अष्टकम के मंगलाचरण से हुआ। तेरापंथ कन्या मण्डल ने महाप्रयाण गीत का संगान किया। कन्या मण्डल व ज्ञानशाला के बच्चों ने आचार्य तुलसी पर परिसंवाद प्रस्तुत किया। अणुव्रत समिति की उपाअध्यक्षा श्रीमती इन्द्र लुणिया ने बदलें युग की धारा प्रश्न पुस्तिका भेंट की। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के मंत्री चैनराज चोरड़िया, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष भैरव दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापन सहमंत्री इन्द कुमार दुग्गड़ ने व संचालन मुनि परमानंद ने किया।
इस अवसर पर तुलसी मंत्र का जप भी किया गया। कार्यक्रम में शिविरार्थी बालक-बालिकाओं के अतिरिक्त अच्छी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे । कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष संयोजक रणजीत दुग्गड़ आदि का विशेष योगदान रहा।