कटक. जिले के आठगढ़ वन प्रभाग के नरसिंहपुर पश्चिम रेंज में एक सप्ताह पहले मिले घायल हाथी ने इलाज के दौरान कल दम तोड़ दिया. बताया गया है कि उसे कई गोलियां मारी गयी थीं. हथिनी के सूंढ, चेहरे और आगे दाहिने पैर में गोली लगने के निशान पाये गये हैं. स्थानीय लोगों ने इसे गंभीर हालत में देखा था और युवा नेता निर्मल जेना ने पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक देवी प्रसाद मिश्र से मदद की गुहार लगायी थी. इसके बाद मिश्र ने हाथी के लिए चिकित्सा सहायता की सुविधा के लिए दिलाने के लिए वन और पर्यावरण मंत्री प्रदीप आमत को फोन किया था. बीजद के वरिष्ठ नेता ने कटक के जिलाधिकारी भवानी शंकर चयनी को संचार और व्यवस्था के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने की भी सलाह दी थी. इसके बाद इलका इलाज शुरू हुआ था और आठ दिन तक संघर्ष करने के बाद हाथी ने दम तोड़ दिया. उसका इलाज सातकोसिया टाइगर रिजर्व, नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क और ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर नरसिंहपुर जंगल में कर रहे थे. बताया जाता है कि बंदूक की गोली के कारण हुए तेज दर्द से हाथी कांप रहा था और इसके कारण उसने कुछ भी खाना बंद कर दिया था.
पीसीसीएफ शशि पॉल ने पहले मीडियाकर्मियों को सूचित किया था कि हाथी को एक देशी बंदूक से गोली मारी गई थी और उसके पैर, धड़, कंधे, शरीर और कान पर गोली लगी थी. जो घाव मिले थे वो 15 दिन पुराने थे. यह एक लक्षित हमला था. गोली लगने से हाथी के दाहिने पैर में सेप्टीसीमिया हो गया था. इसके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए इसे ड्रिप के माध्यम से एंटीबायोटिक दिया जा रहा था. रात के समय हाथी पर नजर रखने के लिए कुछ वन अधिकारी लगे हुए थे. बाद में सेप्टीसीमिया के कारण कमजोर हो गया था.
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