Home / Odisha / संयम जीवन ग्रहण करना हर व्यक्ति का होना चाहिए लक्ष्य – मुनिश्री ज्ञानेन्द्र

संयम जीवन ग्रहण करना हर व्यक्ति का होना चाहिए लक्ष्य – मुनिश्री ज्ञानेन्द्र

  • दीक्षार्थी रोशनी लुणिया का मंगल भावना समारोह का आयोजन

कटक. युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान शिष्य डा. मुनि ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा-3 व मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में दीक्षार्थी मुमुभु रोशनी लुणिया का मंगल भावना समारोह श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में राजकुमार थानसिंह जी बांठिया परिवार द्वारा महेश्वरी भवन में आयोजित हुआ. इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित थे. उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए डा मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ने कहा कि संयम जीवन ग्रहण करना हर व्यक्ति का लक्ष्य होना चाहिए. विचार जब संकल्प बन जाता है, तब व्यक्ति लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ जाता है. बहिन रोशनी गुरु आज्ञा व इंगित की आराधना करते हुए आत्मस्थ होने व स्वयं तिरने के लिए दीक्षा ग्रहण कर रही है. तुम अपने आप को रोशन करने के लिए साधना करोगी, तो दूसरे तो अपने आप रोशन हो जायेंगे.
इस अवसर पर मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तीन प्रकार की आंखें होती हैं, चमड़े की, बुद्धि की व हृदय की. जब चमड़े की आंख खुलती है, तब उठना कहते हैं, जब बुद्धि की आंख खुलती है तब समझना कहते हैं और जब हृदय की आंख खुलती है, तब जगना कहते हैं. जगने का नाम है दीक्षा. दीक्षा अदम्य आत्मबल का जीता जागता उदाहरण है. राग से विराग की ओर, वासना से उपासना की ओर, मृत्यु से अमरत्व की ओर, असत् से सत् की ओर प्रस्थान का नाम है दीक्षा. दीक्षा अनंत की यात्रा है. संयम पथ भौतिकता से आध्यात्मिकता की यात्रा है. दीक्षार्थी के लिए वैराग्य विश्वास बनें, स्वाध्याय श्वास बने, समता सुवास बने एवं गुरु आज्ञा जीवन का प्रकाश बने. दीक्षार्थी रोशनी लुणिया गुरुषचरणों में समर्पित हो साधना के पथ पर आगे बढ़ती रहे.
डा. मुनि विमलेश कुमार ने कहा कि संसार को मन से पकड़ना बंधन व छोड़ देना मुक्ति है. भीतर के अहम् को समर्पित कर देना दीक्षा है. मुनि पद‌मकुमार ने कहा कि जो शूरवीर होते हैं, वे ही दीक्षा ग्रहण करते हैं. बालमुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत के माध्यम से मंगलाचरण प्रस्तुत किया. दीक्षाथी रोशनी लुणिया ने अपने विचार व्यक्त करते कि कहा कि मनुष्य जन्म मूल्यवान है, उसे व्यर्थ न खोकर संयम ग्रहण करना चाहिए. मुमुक्षु कीर्ति बुच्चा ने भी विचार व्यक्त किये.
इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मोहनलाल सिंघी, तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री मनीष सेठिया, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा हीरा देवी बैद, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मुकेश डुंगरवाल, भुवनेश्वर सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला, तेरापंथ भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष हीरालाल खटेड़, मंगलचंद चोपड़ा, शिल्पा सुराणा, अंकिता बांठिया, अशोक नाहटा, प्रकाश सुराणा ने मंगल‌भावना करते हुए अपने विचार व्यक्त किये. दीक्षार्थी परिचय राजकुमार बांठिया ने प्रस्तुत किया. तेरापंथ महिला मंडल, ललिता बांठिया आदि पारिवारिक महिलाओं ने मंगल भावना गीत प्रस्तुत किया. आभार ज्ञापन सभा मंत्री चैनरूप चोरड़िया, व अमरचंद बेंगानी ने दिया. संचालन मुनि परमानंद ने किया. दीक्षार्थी बहिन व परिजनों का सम्मान किया गया. मंगलभावना समारोह से पहले दीक्षार्थी रोशनी लूणिया की शोभायात्रा निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में तेरापंथ जैन समाज के लोगों ने हिस्सा लिया.

Share this news

About desk

Check Also

बालेश्वर के मुख्य अभियंता एनवी हरिहर राव निकले करोड़पति

46.45 लाख नकद, 2 इमारतें, 3 बीएचके फ्लैट, संदिग्ध बेनामी संपत्तियां और 1.11 करोड़ से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *