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40 से अधिक चूल्हें किये गये नष्ट, जांच शुरू
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जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने किया निरीक्षण
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दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
पुरी. विश्व विख्यात महाप्रभु श्री जन्नाथ के मंदिर के रसोईघर में तोड़फोड़ किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. बताया जा रहा है कि 40 से अधिक मिट्टी के चूल्हों को क्षतिग्रस्त किया गया है. आधिकारिक तौर पर कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. जितनी मुंह, उतनी तरह की बातें सामने उभर कर आ रही हैं. कोई भी कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कह पा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि शनिवार की रात पारंपरिक रस्में पूरी करने के बाद कुछ विवाद के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर चूल्हों में तोड़फोड़ की. इस घटना ने विश्व विख्यात श्री जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़ा कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि तोड़फोड़ के बाद पीठआड़ में 15 चूल्हे, सातपुरी में 10-12 और थालियाड़ में 10-12 चूल्हों, अहिया में दो, कोठभोग में दो, तुनस्वार में दो समेत कुल 40 टूटे हुए हैं. यहां कुल 240 चूल्हे थे.
सुआर-महासुआर नियोग के अध्यक्ष नारायण महासुआर ने कहा कि घटना के बारे में पता चलने के बाद हमें गहरा दुःख हुआ है. चूल्हों में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इस तरह का कृत्य किसने किया है. इसलिए हम घटना की विस्तृत जांच की मांग करते हैं. एक सेवायत रंजीत सुभाकर ने कहा कि यह पहली बार है, जब ऐसी घटना हुई है. उन्होंने कहा कि हमें छह से सात लोगों के शामिल होने का संदेह है, क्योंकि यह कोई एक व्यक्ति ऐसी घटना को अंजाम नहीं दे सकता है. चूल्हों को ठीक करने में तीन से चार दिन और लगेंगे.
घटना के बाद, पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लेने के लिए मंदिर का दौरा किया था.
पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है कि किसी ने आज तड़के चूल्हों को क्षतिग्रस्त कर दिया है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) प्रशासक (नीति) और अतिरिक्त एसपी (मंदिर सुरक्षा) द्वारा पहले ही एक संयुक्त जांच शुरू कर दी गई है. हमने आज सभी अनुष्ठानों और देवताओं को कोठभोग चढ़ाने के लिए सुनिश्चित किया.
वर्मा ने कहा कि महाप्रसाद को कल तक उसकी सामान्य मात्रा में तैयार करना सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी सहित अन्य पहलुओं को सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जितनी मुंह, उतनी बातें, कई कारण चर्चे में
दो गुटों में रंजिश के कारण तोड़फोड़
सूत्रों ने बताया कि घटना दो गुटों के बीच रंजिश का नतीजा है. बताया गया है कि मंदिर में देवताओं के बड़ा सिंघारा वेश के बाद आनंद बाजार में दो गुटों में झड़प हो गई. इसके कुछ घंटे के बाद यह अप्रिय घटना हुई और रसोई के अंदर के चूल्हे क्षतिग्रस्त पाये गये.
महाप्रसाद के कालाबाजारी का खुलासा बना कारण
सूत्रों ने यह भी बताया कि यहां महाप्रसाद की कालाबाजारी का खुलासा होने के बाद विवाद शुरू हुआ. बताया गया है कि आवश्यकता से अधिक महाप्रसाद तैयार किया गया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद श्रीमंदिर के कमांडर ने इस प्रसाद को जब्त कर लिया था. अनुमान है कि इसी कारण को लेकर रात में चूल्हे में तोड़फोड़ की गयी होगी.
रसोद्वारी और रसोपाइक का भुगतान नहीं करने पर विवाद
यह भी कहा जा रहा है कि रसोद्वारी और रसोपाइक का भुगतान नहीं करने पर यह विवाद है. उल्लेखनीय है कि रसोद्वारी और रसोपाइक महाप्रसाद रसोईघर से लाकर महाप्रभु के पास लाते हैं. कुछ लोगों कहा कहना है कि इनका भुगतान नहीं किये जाने के कारण ऐसा हो सकता है.
रसोईघर के सीसीटीवी के फुटेज की जांच की मांग
कुछ सेवायतों ने श्रीमंदिर में हुई तोड़फोड़ घटना को गंभीर करार दिया है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि रसोईघर में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच करायी जाये, जिससे कि दोषियों का पता चल सके. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.
दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर है यहां
महाधाम में से एक पुरी धाम स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा रसोई घर है. यहां कुल 240 चूल्हे हैं, जहां मिट्टी के बर्तनों में महाप्रसाद तैयार कर महाप्रभु को भोग लगाया जाता है. मिट्टी के बर्तनों में यहां 56 भोग तैयार किये जाते हैं. यह भोग महाप्रुभ के भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है. सैकड़ों रसोइये यहां सीधे खाना पकाने में लगे हुए हैं. इनको ही केवल श्रीमंदिर की रसोई के अंदर जाने की अनुमति होती है.