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पत्रकारों पर हमले को लेकर भाजपा और कांग्रेस राज्य सरकार पर बरसी

  •  हमलावरों के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया

  •  मतदान के दौरान विभिन्न स्थानों पर पत्रकारों पर हमले को बीजद ने प्रायोजित किया – गोलक महापात्र

  •  हमलावरों को पहले चरण में ही सजा मिल जाती, तो जाजपुर में जैसी घटनाएं नहीं होतीं – निशिकांत मिश्र

भुवनेश्वर. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान हो रही हिंसा और विभिन्न स्थानों पर मीडियाकर्मियों पर हमले की घटनाओं के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों ने सत्तारूढ़ बीजद सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही सरकार पर हमलावरों के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया है. रविवार को तीसरे चरण के चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तीन पत्रकारों पर अज्ञात बदमाशों द्वारा किए गए क्रूर हमले को लेकर प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है.
ओडिशा भाजपा के महासचिव गोलक महापात्र ने रविवार को आरोप लगाया कि मतदान के दौरान विभिन्न स्थानों पर पत्रकारों पर हमले को बीजद ने प्रायोजित किया है. राज्यभर के लोग बीजद से असंतुष्ट हैं और सत्ताधारी दल को वोट देने के लिए उत्सुक नहीं हैं. ग्रामीण चुनावों के अंतिम दो चरणों के दौरान ज्यादातर मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. बीजद विकास के प्रति असहिष्णु हो गयी है. इसलिए इसके समर्थक बूथों पर जबरदस्ती कब्जा कर रहे हैं और जब भी पत्रकार गैरकानूनी कदम को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वे उन पर बेरहमी से हमला कर रहे हैं. महापात्र ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान राज्यभर में सरकार प्रायोजित बूथ कैप्चरिंग और चुनावी हिंसा हो रही है, जबकि इनमें से कुछ घटनाओं को मीडिया ने दिखायी भी है, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
इधर, राज्य कांग्रेस इकाई ने भी पत्रकारों पर हमला करने वालों के प्रति नरमी बरतने के लिए ओडिशा सरकार की आलोचना की. कांग्रेस प्रवक्ता निशिकांत मिश्र ने कहा कि शुरू से ही राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है और राज्य सरकार हमलावरों के प्रति नरम है. अगर हमलावरों को पहले चरण से ही सजा मिल जाती, तो जाजपुर में जैसी घटनाएं नहीं होतीं. यह राज्य प्रशासन और पुलिस बलों की निष्क्रियता को दर्शाता है.

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