इसने शहर के एक चिकित्सक से 50 लाख रुपये की की रंगदारी की मांग की थी. उसने खुदको नक्सली होने का दावा किया था तथा डॉ. शमी सलीम से रुपये नहीं मिलने पर उनको जान से मारने और उसके परिवार के सदस्यों का अपहरण करने की भी धमकी दी थी.
यह जानकारी देते हुए एसीपी तापस प्रधान ने बुधवार को कहा कि इमरान ने पहले भी इसी तरह की धमकी दी थी और झारखंड के मझगांव निर्वाचन क्षेत्र के विधायक निराल पूर्ति से 50 लाख रुपये की मांग की थी. हालांकि झारखंड पुलिस उसकी निशानदेही पर ओडिशा के बड़बिल तक पहुंचने में कामयाब रही, लेकिन वे उसे ट्रैक करने में नाकाम रहे. उन्होंने कहा कि कटक के डॉक्टर के पास धमकी भरे कॉल आने और नक्सल सुरक्षा राशि के बहाने 50 लाख रुपये की मांग को केंद्र हमने जांच शुरू की. हमने पाया कि आरोपी ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके ढेंकानाल से प्राप्त और सक्रिय सिम का इस्तेमाल किया था.
प्रधान ने आगे कहा कि सिमकार्ड के स्थान के रूप में ओडिशा के केंदुझर, मयूरभंज और पड़ोसी झारखंड के विभिन्न हिस्सों को दिखाने के बाद विशेष टीमों का गठन किया गया था. एक लंबी तकनीकी निगरानी के बाद और जमीनी खुफिया जानकारी के आधार पर हम आखिरकार एक फरवरी को आरोपी को पकड़ने में कामयाब रहे. उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड जब्त किए गए हैं. किसी भी नक्सली समूह के साथ उसके संबंधों का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है.
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