भुवनेश्वर. ओडिशा में निजी बिजली उपभोक्ताओं का शुल्क में बढ़ोत्तरी के लिए ओडिशा एनर्जी रेगुलटरी कमिशन (ओईआरसी) में चल रही सुनवाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही पर्याप्त समय न देकर लोगों के घरों से कनेक्शन काटने का भी पार्टी ने विरोध किया है. पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रवक्ता गोलक महापात्र ने कहा कि बिजली के शुल्क में बढ़ोत्तरी करने के लिए सुनवाई चल रही है और इससे लेकर राज्य के उपभोक्ता चिंतित हैं. एक जिम्मेदार विपक्षी पार्टी की तरह भाजपा राज्य सरकार से इससे बाज आने के लिए सलाह दे रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में अनेक उद्योगों व बिजली उत्पादनकारी कंपनियों को राज्य के गरीब जनता द्वारा दिये जा रहे टैक्स से रियाय़त दी जा रही है, जबकि उन पर बकाया मोटा बिजली बिलों को वसूला नहीं जा रहा है. महापात्र ने बताया कि राज्य के 26 बड़े उद्योगों पर 1874 करोड़ रुपये के बिजली बिल का बकाया है. राज्य सरकार व प्रशासन के सहयोग से इन कंपनियों ने कोर्ट से स्टे लेकर राज्य के राजकोष को बिल नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य को ओडिशा सरकार जो बिजली बेच रही है, वह औसतन यूनिट 3.21 रुपये है, जबकि 3.81 रुपये प्रति यूनिट की दर से बाहर के राज्यों से राज्य सरकार बिजली खरीद रही. इसमें प्रभेद के कारण ओडिशा का राजकोष कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के 332 कंपनियों पर 515 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है, लेकिन इन बिल को वसूलने के लिए राज्य सरकार रुचि नहीं दिखा रही है और आम लोगों पर बोझ बढ़ाना चाहती है. इस पत्रकार सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश युवा मोर्चा के अध्यक्ष टंकधर त्रिपाठी भी उपस्थित थे.
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