भुवनेश्वर. ओडिशा में भी कोरोना के नये संस्करण ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दिया है. इस नये संस्करण से दो व्यक्तियों को पाजिटिव पाया गया है. यह जानकारी मंगलवार को इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस), भुवनेश्वर ने दी है. बताया गया है कि जीनोम अनुक्रमण के बाद दो व्यक्तियों में कोरोना के नये संस्करण ओमिक्रॉन की मौजूदगी की पुष्टि की गई है.
पता चला है कि दोनों प्रभावित व्यक्ति पुरुष हैं और उनकी उम्र क्रमश: 41 और 43 साल है. इनमें से एक हाल ही में नाइजीरिया से लौटा था, जबकि दूसरा कतर से आया था. उनमें से एक व्यक्ति जगतसिंहपुर का रहने वाला है, जिसका कटक में इलाज चल रहा है, जबकि दूसरा व्यक्ति खुर्दा का रहने वाला है. हालांकि, अभी तक संक्रमित व्यक्तियों के विवरण के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
1600 लोग जोखिम वाले देशों से लौटे ओडिशा
ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता चलने के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने कहा कि नवंबर से 8800 लोग विदेशों से ओडिशा लौटे हैं. इनमें 1600 लोग जोखिम वाले देशों से लौटे हैं. विदेश से लौटे 12 लोगों का कोविद पॉजिटिव सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था और दो सैंपल ओमिक्रॉन के लिए पॉजिटिव आए हैं. हालांकि दोनों प्रभावित व्यक्ति गैर-जोखिम वाले देशों से लौटे हैं.
ओमिक्रॉन रोगियों की हालत स्थिर
ओमिक्रॉन पाजिटिव पाये गये रोगियों में से एक स्पर्शोन्मुख है, जबकि दूसरे व्यक्ति में खांसी जैसे लक्षण हैं. दोनों आइसोलेशन में हैं और उनकी हालत स्थिर है. 21 व्यक्तियों के संपर्क का पता लगाया गया है और नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ नीरज मिश्र ने कहा कि उम्मीद थी कि ओमिक्रॉन संस्करण ओडिशा में प्रवेश करेगा. हालांकि घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, क्योंकि इस वेरिएंट के अधिकांश रोगियों में हल्के लक्षण होते हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत में अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के 200 मामलों का पता चला है, जिनमें से 77 मरीज ठीक हो गए हैं या घरों को लौट चुके हैं.
महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमिक्रॉन के 54 मामले दर्ज किए गए, जबकि तेलंगाना में 20 मामले, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15 और गुजरात में 14 मामले दर्ज किए गए.