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लगभग सात लाख रुपये की धोखाधड़ी
भुवनेश्वर. अज्ञात साइबर अपराधियों ने कथित तौर पर ओडिशा कंप्यूटर एप्लीकेशन सेंटर (ओसीएसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार पटनायक का व्हाट्सएप अकाउंट हैक कर लिया और उनके दोस्तों और परिचित लोगों से लगभग सात लाख रुपये की धोखाधड़ी की. मनोज राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (ई एंड आईटी) विभाग के अतिरिक्त सचिव भी हैं.
जानकारी के अनुसार, बदमाशों ने संदेश भेजकर लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए पहले कथित तौर पर पटनायक का व्हाट्सएप अकाउंट हैक किया. इसके बाद पटनायक के सहयोगियों सहित कम से कम पांच संपर्क के लोगों ने बैंक और यूपीआई खातों में पैसे ट्रांसफर करने का दावा किया है.
इसे लेकर उन्होंने शहीद नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जबकि पटनायक ने कहा कि वह जल्द ही कमिश्नरेट पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराएंगे. अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा साझा किए गए खाते में पांच व्यक्तियों द्वारा कुल लगभग 7 लाख रुपये स्थानांतरित किए गए हैं. पटनायक ने कहा कि उन्हें मंगलवार दोपहर उनके व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था. फोन करने वाले के कुछ न कहने पर करीब 30 सेकेंड के बाद उसने फोन काट दिया.
कुछ समय बाद पटनायक को उनके एक मित्र का फोन आया, जिन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की और उन्हें उस संकट संदेश के बारे में बताया जो पटनायक के व्हाट्सएप नंबर से प्राप्त हुआ था. इसमें इलाज के लिए तत्काल वित्तीय मदद मांगी गई थी.
पटनायक ने बताया कि यह सुनकर मुझे एहसास हुआ कि किसी ने मेरा व्हाट्सएप अकाउंट हैक कर लिया है. मैंने किसी के द्वारा मुझे भेजे गए किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक नहीं किया था. पटनायक ने कहा कि इसके तुरंत बाद उनके शुभचिंतकों के फोन आने लगे, जिन्होंने उन्हें उनके व्हाट्सएप नंबर से संकट संदेश दिखाया. उनमें से कुछ ने यह भी बताया कि उन्होंने फ़िशिंग संदेश प्राप्त करने के बाद पैसे ट्रांसफर किए थे.
शहर के एक साइबर विशेषज्ञ सुशांत साहू ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि एक फोन कॉल आने के बाद उनका (पटनायक) व्हाट्सएप हैक किया गया था. उसने किसी दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक किया होगा या किसी के साथ कुछ गुप्त कोड साझा किया होगा. यदि कोई अपना फोन सार्वजनिक स्थानों पर चार्ज करता है या सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करता है तो एक मोबाइल फोन हैक किया जा सकता है. उसने इनमें से एक काम किया होगा, जिसके बाद उसके फोन में मैलवेयर चला गया होगा, जिसके कारण हैकिंग हुई. घटना के बाद ई एंड आईटी विभाग ने साइबर धोखाधड़ी के बारे में लोगों को जागरुक करना शुरू कर दिया है.
विभाग ने व्हाट्सएप फ़िशिंग पर एक सलाह जारी की है. हैकर्स पीड़ितों को व्हाट्सएप वॉयस कॉल या सोशल मीडिया, एसएमएस, व्हाट्सएप पर संदिग्ध लिंक के जरिए निशाना बनाते हैं. ई एंड आईटी विभाग ने ट्वीट किया उचित एहतियाती उपाय अपनाकर, हैकर्स को ऐप को अनइंस्टॉल किए बिना दूर रखा जा सकता है. विभाग ने व्हाट्सएप फिशिंग के मामले में क्या करें और क्या न करें भी जारी किया है. इस बीच, मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए, ओडिशा अपराध शाखा ने धोखाधड़ी मामले की जांच शुरू कर दी है. सीबी की एक विशेष टीम जांच के लिए राजधानी शहर में ओसीएसी कार्यालय पहुंची. खबर लिखे जाने तक जांच प्रक्रिया जारी थी.