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यूनिस्को एमजीआईइपी का सहभागी बना कीट-कीस

  •  सामाजिक और भावुक अधिगम के आनलाइन पाठ्यक्रम में होगा सहभागी

भुवनेश्वर. भुवनेश्वर स्थित कलिंग इंस्टीट्यूट आफ इण्डस्ट्रियल टेक्नालाजी(कीट) और कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोसल साइंसेज(कीस) ने सामाजिक और भावुक अधिगम के आनलाइन पाठ्यक्रम को अपने छात्रों तथा संकाय सदस्यों के लिए यूनिस्को महात्मागांधी इंस्टीट्यूट आफ एडुकेशन फार पीस एण्ड सस्टनेबल डेवल्पमेंट(एमजीआईइपी) के सहभागी बनने हेतु एक करारनामे पर हस्ताक्षर किया. इसका लाभ चरणबद्ध तरीके से कीट-कीस के समस्त छात्र-छात्राओं तथा संकाय सदस्यों को स्व-निर्देशित भावुक अधिगम सहानुभूति और दया(सीक) के प्रोत्साहन में प्राप्त होगा. गौरतलब है कि दुनियाभर में कीट डीम्ड विश्वविद्यालय तथा कीस डीम्ड विश्वविद्यालय,भुवनेश्वर भारत के एकमात्र ऐसे डीम्ड विश्वविद्यालय में से है, जो भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एमजीआईइपी सीक पाठ्यक्रम को सर्वप्रथम लागू किया है. यह पाठ्यक्रम यूनिस्को एमजीआईइपी तथा लाईफ विश्वविद्यालय,यूएसए के कंपैसनेट इन्टीग्रिटी ट्रेनिंग आदि पर आधारित है. यह पाठ्यक्रम 21वीं सदी के इमोशनल इंटेलीजेंस कौशल को विकसित करने में तथा भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा. इससे विश्व-नागरिकों में सामाजिक और भावुक अधिगम विकसित होगा. लगभग 40 घण्टे का यह पाठ्यक्रम होगा, जिसमें तीन चरण होंगे. पहला चरण, सेल्फ-कल्टीवेशन है, जिसमें एक-दूसरे के साथ आपसी संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर होगा. इससे विभिन्न समुदायों के मध्य व्यक्तिगत भलाई हेतु सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. चरण-2 रीलेटिंग टू अदर्स, इसमें दूसरों के संबंध पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
चरण-3 इन्गेजिंग इन सिस्टम, प्रभावी निर्णय लेने में सहानुभूति और नैतिकता अपने आपमें काफी नहीं हैं इसके लिए महत्त्वपूर्ण सोच तथा समझदारी को बढाने के लिए अन्तः सूझ,स्वतंत्रत स्वभाव आदि का विकास विश्वस्तर पर होगा.यूनिस्को एमजीआईइपी फ्रेमस्पेस इंडीजेनीयसली डेवल्पमेंट आनलाइन सेल्फ-डाइरेक्टेड पाठ्यक्रम एक लर्निंग मंच है, जिससे समुदाय को व्यावहारिक रुप में समर्पित लाइव मास्टरक्लासेज तथा क्यू एण्ड ए सत्र तथा पूर्णरुपेण विचार-विमर्श सत्र है.
करारनामा हस्ताक्षर समारोह भारत के नईदिल्ली स्थित हेबीटाट सेण्टर पर हुआ जिसमें डा अनन्था डुरैयाप्पा, निदेशक, यूनिस्को एमजीआईइपी, डा अच्युत सामंत, सांसद लोकसभा तथा संस्थापकः कीट-कीस और श्री सत्य त्रिपाठी, कुलाधिपति कीस डीम्ड विश्वविद्यालय, संयुक्तराष्ट्र के पूर्व एसिस्टेंट सेकरेटरी जेनेरल एण्ड हेड आफ दी न्यूयार्क आफिस, यूएनइपी तथा दिल्ली स्थित विभिन्व राजदूतावासों को प्रतिनिधिगण आदि मौके पर उपस्थित थे. कीट-कीस के साथ-साथ डा अच्युत सामंत का जीवन-दर्शनः आर्ट आफ गिविंग की भी उसमें सहभागिता रहेगी जिसके सौजन्य से 13 नवंबर, 2021 को यूनिस्को एमजीआईइपी वर्ल्ड काइंडनेश दिवस मनाएगा. आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए डा अनन्था डुरैयाप्पा, निदेशक, यूनिस्को एमजीआईइपी सीक ने बताया कि हमें आराम के साथ अपने अन्तःकरण में अपने आपका पता करना है, जिससे हमसब दयालु बन सकें. उन्होंने यूनिस्को एमजीआईइपी के साथ कंधमाल लोकसभा सांसद तथा संस्थापकःकीट-कीस डा अच्युत सामंत के कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में कीट-कीस की सहभागिता पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की.अपने संबोधन में डा अच्युत सामंत ने बताया कि कीट-कीस की स्थापना का मूल आधार ही मानवीयता, दया और सहानुभूति है. इसलिए वे इस ऐतिहासिक करारनामे के अवसर पर यूनिस्को एमजीआईइपी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं, जिससे कीट-कीस स्टाफ तथा दोनों डीम्ड विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सामाजिक और भावुक अधिगम के आनलाइन पाठ्यक्रम का भरपूर लाभ मिलेगा. गौरतलब है कि श्री सत्य त्रिपाठी जो कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, वे पूर्व में यूनाइटेड नेशन्स पर्यावरण प्रोग्राम(यूएनइपी) के सहायक सेक्रेटरी जेनेरल थे जिनका इस आनलाइन कार्यक्रम में प्रत्यक्ष लाभ कीट-कीस के संकाय सदस्यों तथा उनके छात्र-छात्राओं को अवश्य मिलेगा.

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