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आर्थिक अपराध शाखा ने जालसाज को पकड़ा
भुवनेश्वर. पुरी में आईटीडीसी होटल नीलाचल अशोक को बेचने की साजिश विफल हो गयी है. आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भुवनेश्वर ने एक जालसाज को भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के एक अधिकारी के रूप में प्रतिरूपित करने और पुरी के आईटीडीसी होटल नीलाचल अशोक को बेचने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अनिकेश साहू के रूप में बतायी गयी है. आरोपी को कटक के बक्सीबाजार से गिरफ्तार किया गया और उसे एसडीजेएम, भुवनेश्वर की अदालत में भेज दिया गया.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को पुरी की बिजयिनी मोहंती द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गयी. उसने बताया कि आरोपी अनिकेश ने एक अन्य आरोपी चंदन आकाश मोहंती, जो ओटीडीसी, भुवनेश्वर में पूर्व संविदा सहायक अभियंता है और एक अन्य के साथ मिलकर यह आपराधिक साजिश रची तथा खुद को सचिव पर्यटन, नई दिल्ली द्वारा अधिकृत आईटीडीसी के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश किया एवं पुरी में आईटीडीसी होटल नीलाचल अशोक की बिक्री के लिए तपन के साथ झूठा समझौता कर उसे और उसके पति तपन कुमार मोहंती को धोखा दिया था और उससे बड़ी रकम वसूल की थी.
मामले की जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता का पति तपन टीके अंडा और चिकन केंद्र, पुरी का मालिक है और पुरी में अंडे और चिकन का थोक व्यापार करता है.
जनवरी-2020 के दौरान आरोपी चंदन आकाश मोहंती ने खुद को आईटीडीसी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर और वर्तमान आरोपी अनिकेश ने खुद को आईटीडीसी की विभिन्न परियोजनाओं के साथ काम करने वाले ठेकेदार के रूप में पेश किया. साथ ही एक अन्य ने खुद को एक क्लर्क के रूप में प्रतिरूपित किया. इन सबने अपने एक मित्र के माध्यम से तपन से मुलाकात की और उसे पुरी में आईटीडीसी के होटल नीलाचल अशोक होटल को 15 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए राजी किया था, जिसमें 3 करोड़ रुपये दलाली के शामिल थे.
फरवरी 2020 के दौरान आरोपी व्यक्तियों ने तपन के साथ एक समझौता किया था, जिसमें आरोपी चंदन आकाश मोहंती ने आईटीडीसी लिमिटेड के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की क्षमता से हस्ताक्षर किया है और वर्तमान आरोपी और दूसरे ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए हैं.
आरोपी व्यक्ति पहले ही बैंक खाते के साथ-साथ नकद में भी तपन से 50 लाख रुपये से अधिक एकत्र कर चुके हैं. विश्वास जीतने के लिए आरोपी व्यक्तियों ने पहले उसे दिल्ली स्थित आईटीडीसी के आधिकारिक खाते में 20 लाख रुपये जमा करवाए, लेकिन मामले को आगे बढ़ाने के लिए 30 लाख रुपये नकद ले लिये.
हालांकि बाद में जब उन्हें आईटीडीसी लिमिटेड से कोई संपर्क स्थापित नहीं हुआ, तो उन्हें धोखाधड़ी का शक हुआ. जांच करने पर पता चला कि आरोपियों ने उनके साथ धोखा किया है. फिर उसने आरोपी व्यक्तियों से उसके पैसे वापस करने का अनुरोध किया, लेकिन आरोपी व्यक्ति अलग-अलग दलीलों के साथ फरार हो गए.
धोखाधड़ी के शिकार हुए तपन को सदमे से ब्रेन स्ट्रोक हुआ और अब वह लकवा से पीड़ित है. अपनी आवाज और याददाश्त खो रहा है. इसे देखते हुए उसकी पत्नी ने शिकायत दर्ज की थी.
उल्लेखनीय है कि पूर्व के आरोपी चंदन को ईओडब्ल्यू के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसने खुदको ओटीडीसी अधिकारी के रूप में पेश करते हुए एक विशेष श्रेणी के ठेकेदार धनुरधर चंपतिराय को ठगा था तथा ओटीडीसी, भुवनेश्वर द्वारा कथित तौर पर फर्जी कार्य आदेश जारी किया था. फर्जी वर्क ऑर्डर के एवज में 3 करोड़ से ज्यादा की वसूली के मामले में वह अभी भी न्यायिक हिरासत में है.
उस मामले की जांच के दौरान, आईटीडीसी के सदस्य के रूप में चंदन की मुहर जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज/वस्तुएं उसके कब्जे से जब्त की गई हैं. यह भी पता चला है कि आरोपी चंदन और उसके साथियों ने भी इसी तरह से अन्य लोगों को भी ठगा है, जिसमें बड़ी रकम शामिल है, जिसकी जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि होटल नीलाचल अशोक पुरी में राजभवन के पास स्थित है और 1983 में बनाया गया था. इस मामले में और इसी तरह की धोखाधड़ी में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए मामले की जांच जारी है.