-
राज्य सरकार ने की है पर्याप्त बेडों की व्यवस्था
-
प्रदेश की 40 फीसदी जनता को मिल चुका है कोरोना टीका का पहला डोज
भुवनेश्वर. ओडिशा में 0-18 वर्ष की आयु के बच्चों के कोरोना पाजिटिव होने के बीच राज्य के स्वास्थ्य निदेशक डॉ विजय कुमार महापात्र ने कहा है कि इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए महापात्र ने कहा कि पहली लहर और दूसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. ऐसी स्थिति में सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि विशेषज्ञों का सुझाव है कि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना अधिक होगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध हैं. सभी जिला मुख्यालय अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष व्यवस्था की गई है. इसके साथ-साथ डेडिकेटेड कोविद अस्पतालों में भी बच्चों के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं. महापात्र ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. स्थिति पर रोजाना नजर रखी जा रही है और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि ओडिशा ने कल तक कोरोना टीकाकरण ने दो करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में इसे एक मील का पत्थर करार दिया है. विभाग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी स्वास्थ्य टीम और राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के सक्रिय भागीदारी के लिए आभार जताया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही राज्य की कुल आबादी के 40 फीसदी लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है. राज्य ने कल तक कुल मिलाकर 2,00,21,814 वैक्सीन खुराकें दी हैं. इसका मतलब है कि राज्य ने लगभग दो महीनों में एक करोड़ से अधिक वैक्सीन शॉट्स दिए गये हैं. इससे पहले 21 जून को टीकाकरण का आंकड़ा एक करोड़ के अंक को हासिल किया था. राज्य सरकार ने प्रति दिन 3 लाख टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया था.