Home / Odisha / साहब, नियम तो नियम है…!

साहब, नियम तो नियम है…!

  • अगर यह कला है, तो तीन सवार ओवरलोगिंड कैसे?

  • मोटरसाइकिल चालक का लाख टके का सवाल

    अविनाश पटनायक, भुवनेश्वर

ओडिशा में एक मार्च से नये मोटरवाहन कानून को कड़ाई से लागू किये जाने के सरकार के फैसले के परिप्रेक्ष्य में एक मोटरसाइकिल चालक ने आज लाख टके के सवाल दाग बैठा. “तू करे तो चमत्कार…“ वाली कहवात को सामने रखते हुए मोटरसाइकिल चालक ने कहा कि साहब आज मास्टर कैंटीन में महात्मा गांधी मार्ग पर 26 जनवरी को लेकर चल रहे अभ्यास को देखकर मैं दंग हूं. अक्सर यही दृश्य दिल्ली में 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन देखने मिलते हैं. मोटरसाइकिल एक और उसपर सवारों की संख्या जितनी अधिक उनती ही बड़ी कला. क्या बात है?
राज्य में मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में, तो दिल्ली में कभी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के सामने यह कलाएं अक्सर प्रदर्शित होती रहती हैं. इस दौरान कलाकारों की खूबियों की बखान और तालियों की गड़गड़ाहट की तो पूछिए मत. कितनी वाह-वाही मिलती है साहब. गजब है. लेकिन, इसी दौरान दूसरे रूट पर एक मोटरसाइकिल पर यदि तीन व्यक्ति सवार होकर निकलते हैं, तो क्या होता है, आपको भी पता है. और हां, अगर सामने खाकी वर्दीधारक मिलता है तो सोचिए वह दृश्य कैसा होता है. इस दौरान तो मोटरसाइकिल चालक को वर्दी की धौंस के साथ-साथ चलान के कटने और कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाने के दृश्य नजरों के सामने दौड़ने लगता है. साहब! यहां हम तीन सवार ओवरलोडिंग हो जाते हैं. गैरकानूनी हो जाते हैं. गजब है साहब हमारा लोकतंत्र हमारा. गजब है.
अब तो जो नया मोटरवाहन कानून आया है, उसके बारे मे हमसे ज्यादा आप जानते हैं, आप पत्रकार जो हैं. चलान, जुर्माना, ड्राइविंग लाइसेंस का रद्द करना, आदि-आदि कितने प्रावधान दिये गये हैं पुलिस को. लेकिन यहां, शायद ही कोई बता पाए.
पिछले दिनों भुवनेश्वर में इस नये नियम के चलते जितनी कीमत गाड़ी की नहीं होती है, उससे कई गुणे अधिक जुर्माना वसूले गये. साहब एक बात यह बताओ कि आम आदमी पर ही कड़े नियम क्यों?
15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रदर्शित किये जाने वाले कर्तबों के दौरान एक मोटरसाइकिल पर 10 से 15 करतबबाजों का सवार होने के लिए कौन कानून अनुमति देता है? एक मोटरसाइकिल पर तीन सवार कानून के खिलाफ तो यह कानूनन ठीक कैसे है? आप तो पत्रकार हैं, सबसे मिलते हैं, इसका जवाब जरूर ढूंढिएगा?

प्रतिक्रियाएं आपेक्षित हैं
इस मोटरसाइकिल चालक के एक सवाल ने सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. पाठकगण क्या आप भी इस सवाल को लेकर इत्तेफाक रखते हैं? क्या लगता है कि यह कला उचित है? इस कला को नियम से परे रखना चाहिए? आप अपनी सोच जरूर प्रेषित करें कि आप क्या सोचते हैं? उसे भी हम उचित स्थान देंगे.
प्रशासन स्थिति स्पष्ट करे
इस सवाल को लेकर प्रशासन को भी स्थित स्पष्ट करनी चाहिए कि इस कला को कैसे छूट दी जाती है? यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस कला के प्रदर्शन के लिए किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है, यदि हां तो क्या है, यदि नहीं तो अब तक इन कलाओं का प्रदर्शन अब तब कैसे?

Share this news

About desk

Check Also

कोरापुट में ट्रक की चपेट में आने से चार की मौत

खेत में मजदूरी करने जा रहे सभी चार युवक कोरापुट। कोरापुट जिले में नेशनल हाईवे-26 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *