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मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी
भुवनेश्वर. उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और उसके आस-पास गुरुवार सुबह एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. भुवनेश्वर स्थित भारतीय मौसम विभाग के कार्यालय ने बताया कि संबंधित चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है. आईएमडी के अनुसार, इसके प्रभाव में ओडिशा में अगले 48 घंटों के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इसके साथ ही ओडिशा के कुछ जिलों में व्यापक हल्की से मध्यम वर्षा गतिविधि होने की संभावना है और उसके बाद ओडिशा के कुछ अन्य जिलों में अलग-अलग भारी वर्षा की संभावना है.
आईएमडी ने कहा कि यह बारिश खरीफ फसलों की रोपाई में मदद करेगा. हालांकि जिन जिलों में भारी वर्षा होगी, वहां के निचले इलाकों के कुछ स्थानों में जलजमाव की संकट हो सकती है. यहां अतिरिक्त पानी की निकासी की आवश्यकता पड़ सकती है. साथ ही जिन जिलों में भारी बारिश की संभावना है, वहां कुछ शहरों के निचले इलाकों में अस्थायी जल भराव के कारण यातायात बाधित हो सकता है. निम्न दबाव के कारण पुरी, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, जाजपुर, ढेंकानाल, अनुगूल, कंधमाल, बौध, संबलपुर, सोनपुर, भद्रक, बालेश्वर, मयूरभंज, केंदुझर, नयागढ़, गंजाम, देवगड़, बलांगीर, कलाहांडी, मालकानगिरि, कोरापुट, बरगड़, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़, संबलपुर, नुआपड़ा और नवरंगपुर में 22 जुलाई से 26 जुलाई तक भारी बारिश होगी.
कम दबाव के प्रभाव के कारण 25 जुलाई तक बंगाल की उत्तरी खाड़ी और इससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में तथा 23 से 25 तारीख के दौरान ओडिशा तट के सटे और बाहरी इलाके में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है.
आईएमडी ने मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की है. उसने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 22 से 25 तारीख के दौरान बंगाल की उत्तरी खाड़ी के गहरे समुद्र के क्षेत्रों में न जाएं तथा जो कोई भी गहरे समुद्र में हैं, वे तत्काल तट पर लौट आए.