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कोरोना के तीन हजार मरीजों में 93 फीसदी मिले डेल्टा से संक्रमित
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कोविद-19 वायरस का डेल्टा संस्करण अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर
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देश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान अधिकांश लोगों को संक्रमित किया
भुवनेश्वर. इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस) ने गुरुवार को खुलासा किया कि कोविद-19 वायरस का डेल्टा संस्करण अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है और इसने देश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान अधिकांश लोगों को संक्रमित किया है.
आईएलएस के निदेशक अजय परिडा ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण ने भारत में 96 प्रतिशत संक्रमित और ओडिशा में 92-93 प्रतिशत संक्रमित किया है. हमने जुलाई की पहली छमाही में आईएलएस में ओडिशा से 3,000 से अधिक नमूना अनुक्रमण किया है और पाया है कि 93 प्रतिशत मामले डेल्टा संस्करण के हैं. डेल्टा संस्करण वायरस अभी भी सक्रिय है. लगभग एक महीने के लिए रोगियों का शरीर यह सक्रिय रह रहा है.
उन्होंने कहा कि एक मरीज में पहली लहर के दौरान लगभग 15 दिनों तक वायरस सक्रिय था, लेकिन दूसरी लहर के दौरान इसमें उत्परिवर्तन हुआ है और नया डेल्टा संस्करण लगभग एक महीने तक सक्रिय रहता है. इसलिए लोगों को अधिक सावधान रहना चाहिए. परिदा ने कहा कि ओडिशा में अब कोविद-19 के मामले स्थिर हैं और पिछले सप्ताह से यह लगभग संक्रमितों की संख्या दैनिक 2,000 के आसपास रही है. परिडा ने कहा कि राज्य में वायरस किसी भी प्रकार के उत्परिवर्तन से उबरा नहीं है.
उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों के उपयुक्त व्यवहार, टीकाकरण अभियान और वायरस का आगे उत्परिवर्तन महामारी को नियंत्रण में रखने में निर्णायक कारक होने जा रहे हैं. राज्य में लोगों को लापरवाह नहीं होना चाहिए और मामलों की संख्या में और गिरावट सुनिश्चित करने के लिए कोविद नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए.