नेपाल। भारत और नेपाल के बीच डिजिटल पेमेंट सेवा शुरू होने के बाद अब दोनों देशों के नागरिकों को घर बैठे सीधे बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा भी जल्द ही शुरू होने जा रही है।
नेपाल आने वाले भारतीयों को ई-वालेट और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल भुगतान की सुविधा शुरू होने के बाद अब सीधे बैंक खाते में क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम पर भी काम पूरा किया जा चुका है। दोनों देशों की स्वीकृति के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नेपाल क्लियरिंग हाउस लिमिटेड (एनसीएचएल) ने क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसका सफल परीक्षण कर लिया गया है।
एनसीएचएल के सीईओ नीलेश मानसिंह प्रधान ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि इस सॉफ्टवेयर के सफल परीक्षण के बाद इसे दोनों देशों के सरकारी निकाय को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। नेपाल राष्ट्र बैंक के अंतर्गत कार्य करने वाले एनसीएचएल को स्वीकृति मिलने के एक मीने के भीतर ही यह लागू हो जाएगा।
प्रधान ने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद नेपाल के नागरिक भारत में और भारत के नागरिक नेपाल में अपने बैंक खाते से दूसरे देश के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। दोनों देशों में कारोबार करने वाले व्यापारियों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलेगा। इस समय भारत से नेपाल में सामान आयात या निर्यात करने पर बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं और उसके लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना करना पड़ता है। क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम लागू होने के बाद वो सीधे अपने खाते में पैसे रिसीव कर सकते हैं या भेज सकते हैं। एनसीएचएल की तरफ से यह भी बताया गया है कि नेपाल से भारत में पढ़ने जाने वाले छात्रों, इलाज के लिए जाने वाले मरीजों और भारत में काम करने वाले नेपाली नागरिकों को भी बहुत सुविधा होगी।
इस समय नेपाल से भारत के किसी बैंक में पैसे भेजने के लिए एक दिन में 10 हजार रुपये और एक महीनें में 50 हजार रुपये की सीमा तय है। वहीं, भारत से नेपाल के किसी बैंक में पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक के ब्रांच में जाकर एक फार्म भरना पड़ता है। उसके बाद ही पैसे ट्रांसफर होता है। वहीं, जब क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सिस्टम लागू हो जाएगा तो छात्रों को एडमिशन के लिए एकमुश्त पैसे भेजने या इलाज के लिए अस्पतालों में भुगतान में कोई बाधा नहीं आएगी। इसके लिए बैंक जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। सीईओ प्रधान ने कहा कि भुगतान के समय कुछ सेवा शुल्क का भी निर्धारण किया जाएगा।
साभार – हिस