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तीसरी लहर पर सरकार की नजर
नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी को चरणबद्ध तरीके से अनलॉक करने की दिशा में दूसरा कदम बढ़ा दिया है। जहां अनलॉक के पहले चरण में कंस्ट्रक्शन और विनिर्माण को छूट दी गई थी वहीं इस बार मुख्यमंत्री ने इसे और आगे बढ़ाते हुए काफी रियायतें जोड़ दी हैं।
डिजिटल प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित बाजारों और मॉल को सात जून से ऑड-ईवन के आधार पर सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक के लिए खोला जा रहा है। वहीं स्टैंड अलोन दुकानें सातों दिन खुलेंगी। मॉल की दुकानों पर भी ऑड-ईवन लागू होगा। इसके साथ ही निजी दफ्तर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जा सकते हैं। जरूरी सामान की दुकानें रोज खुलेंगी और दिल्ली मेट्रो भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ शुरू की जा रही है। सरकारी दफ्तरों में ग्रुप ए के अधिकारी 100 प्रतिशत और बाकी इसके नीचे वाले 50 प्रतिशत अधिकारी ही काम करेंगे। जरूरी सेवाओं में लगे 100 प्रतिशत कर्मचारी काम कर सकेंगे।
फिलहाल दिल्ली में कोरोना के नए संक्रमण मामलों में बहुत कमी आ रही है। लेकिन विशेषज्ञों ने सम्भावित तीसरी लहर के खतरे से सरकार को आगाह कर दिया है। ऐसी किसी अपरिहार्य स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर तीसरी लहर आती है तो सरकार इसके लिए तैयार है। कल करीब 6 घंटे तक दो अलग मीटिंग में हिस्सा लिया। एक्सपर्ट के साथ बात की। इस बार कोरोना की जो पीक आई लगभग 28 हजार केस 22 या 23 अप्रैल के आसपास आई। अगली पीक कितनी हो सकती है। अगली पीक 37 हजार हो सकती है। इसे मानकर तैयारी शुरू की। इससे ज्यादा केस आए तो उसके लिए भी तैयार हैं। अगर 37 हजार की तैयारी है, तो उससे ज्यादा केस आने पर भी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि 37 हजार की पीक आती है तो कितने आईसीयू, कितने ऑक्सीजन , बेड और दवाइयों की जरूरत पड़ेगी। उस पीरियड की टास्क फोर्स बना रहे हैं। बच्चों पर भी ध्यान रखना है। उन्हें अलग किस्म के मास्क और ऑक्सिजन होंगे। इसके लिए टास्क फोर्स बना दी है, जो अलग से तैयारी कर रिपोर्ट देगी।
इसके अतिरिक्त दिल्ली सरकार कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए 420 टन ऑक्सीजन की स्टोरेज कैपेसिटी तैयार कर रही है। ये काम इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी को सौंपा गया है। जिसने 18 महीने में उसे पूरा करके देने की बात कही है। इसके साथ ऑक्सीजन की परेशानी को दूर करने के लिए 25 टैंकर खरीदे जा रहे हैं। 64 छोटे ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। एक-दो महीनों में यह तैयार हो जाएंगे।
साभार – हिस