नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोरोना (कोविड-19) संक्रमण की घटती दर के बावजूद ढिलाई नहीं बरतने पर जोर देते हुए आज कहा कि चुनौती तब तक बनी रहती है जब तक कि यह संक्रमण मामूली पैमाने पर भी मौजूद है। कोरोना को रूप बदलने में माहिर बताते हुए उन्होंने इससे निपटने के तौर-तरीकों में बदलाव के साथ ही वैक्सीन की बर्बादी को लेकर आगाह किया।
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल और महाराष्ट्र सहित 10 राज्यों के जिला स्तर के महामारी नियंत्रण में लगे अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संवाद कर रहे थे। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति में सुधार के बारे में जानकारी दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से छोटे शहरों व गावों में कोविड से निपटने में अपनाये जा रहे उपायों का जाना। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना को फैलने से रोकने पर जोर देते हुए कुछ टिप्स भी साझा किये।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से गांवों को कोरोना मुक्त रखने और मामलों में गिरावट आने पर भी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का संदेश फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं। आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है। उन्होंने कहा कि फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही प्रैक्टिकल और प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलती है। टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।
मोदी ने कहा पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर प्रयोग बहुत ज़रूरी है। ये वायरस म्यूटेशन में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीतियां भी विस्तृत होने चाहिए।
वैक्सीन की बर्बादी को लेकर आगाह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।
प्रधानमंत्री के साथ इस संवाद में छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इससे पहले मंगलवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने कर्नाटक, बिहार, असम, चंडीगढ़, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के अधिकारियों से चर्चा की थी।
साभार-हिस