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बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस , चकत्ते और अन्य त्वचा रोग के भी मिल रहे हैं दुष्प्रभाव
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राज्य में 01 से 16 मई 2021 के बीच कोरोना की चपेट में आए 19 हजार बच्चे
बेंगलुरु। कर्नाटक में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच महाराष्ट्र के बाद अब कर्नाटक में भी बच्चों पर भी कोरोना का असर दिखने लगा है। कर्नाटक में कोरोना संक्रमित बच्चों में अजीब लक्षण मिलने से डॉक्टर भी हतप्रभ हैं। कर्नाटक में बच्चों में बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार अलर्ट हो गई है।
कर्नाटक के कोरोना संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डालें तो बच्चों का इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान 09 मार्च से 25 सितंबर 2020 के बीच 10 साल से छोटे बच्चों के 19,378 मामले सामने आए, जबकि 11 से 20 साल के बच्चों के 41,985 मामले सामने आए थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में यह सभी रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं। 01 से 16 मई 2021 के बीच अब तक राज्य में 19 हजार बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
डॉक्टरों के अनुसार बच्चों में कोरोना के अजीब लक्षण मिल रहे हैं, जिसमें लगभग 10 साल की आयु के बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी शामिल है। डॉक्टरों के अनुसार कुछ मामलों में बच्चों में चकत्ते और अन्य त्वचा रोग के भी दुष्प्रभाव मिल रहे हैं। कर्नाटक में बच्चों में संक्रमण को लेकर सरकार अलर्ट हो गई है। राज्य सरकार ने भी कोरोना की तीसरी लहर की आशंका में चिकित्सकीय सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इसी बीच कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बताया कि भारत बायोटेक ने अगस्त के अंत तक 5 करोड़ कोवैक्सिन खुराक का उत्पादन करने का भरोसा दिलाया है।
साभार-हिस