बेंगलुरु, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कहा कि संघ आने वाले समय में ग्राम विकास और कृषि क्षेत्र में विशेष दृष्टि रखते हुए कार्य का आरंभ करेगा। शुरुआती तौर पर भूमि सुपोषण को केंद्रित कर कुछ जिलों में वर्ष प्रतिपदा से कार्य आरंभ होगा। भूमि-सुपोषण से अर्थ है कि मृदा में आवश्यक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए काम किया जाए।सरकार्यवाह बनने के बाद शनिवार को बेंगलुरु में दत्तात्रेय ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। सरकार्यवाह के रूप में यह उनकी पहली औपचारिक पत्रकार वार्ता नहीं थी। वह केवल संघ की बैठक की जानकारी देने के लिए आए थे। हालांकि उन्होंने इस दौरान संघ की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर भी दिये।उन्होंने कहा कि संघ संगठनात्मक कार्यों के अतिरिक्त समाज परिवर्तन और वैचारिक जागरण का कार्य भी कर रहा है। संघ विशेष तौर पर एक ‘वैचारिक जागरण अभियान’ चलाए जाने की आवश्यकता समझता है। ‘भारत एक वैचारिक तत्व’ जिसका अभिप्राय है कि भारत के इतिहास और समृद्ध विरासत को स्वीकारा जाए और उसके आधार पर नए भारत का निर्माण किया जाए।दत्तात्रेय ने इस बात का खंडन किया कि देश को एक व्यक्ति या संस्था या एक स्थान से नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में यह संभव नहीं है।राम मंदिर से जुड़े धन संग्रह के अभियान को उन्होंने देश का अभियान बताया। होसबाले ने कहा कि घर-घर जाते समय अभियान में लगे कार्यकर्ताओं को सभी देशवासियों का समर्थन मिला है। अभियान के किसी एक पार्टी या समुदाय तक सीमित होने की बात करना गलत है। सभी धर्मों के लोगों ने राम मंदिर के निर्माण में योगदान दिया है। यह अभियान सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही चला है।इस दौरान उन्होंने संघ के आरक्षण पर दृष्टिकोण को भी एक बार फिर स्पष्ट किया और कहा कि संविधान प्रदत्त आरक्षण का संघ हमेशा से समर्थन करता रहा है और जब तक इसकी आवश्यकता होगी व देश में भेदभाव रहेगा संघ इसका समर्थन जारी रखेगा।दत्तात्रेय ने कुछ राज्यों में धोखा देकर विवाह करने और धर्म परिवर्तन कराने के खिलाफ बने कानूनों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जहां महिलाओं को विवाह के बाद कष्टों का सामना करना पड़ता है। वह किसी धर्म विशेष नहीं बल्कि सभी के लिए एक समान इस कानून का समर्थन करते हैं।उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभायें। युवा देश को शक्तिशाली, स्वाभिमानी और समर्थ बनाने के लिए कार्य करें।इस दौरान उन्होंने संघ के संगठनात्मक कार्य ‘शाखा’ से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महामारी और लॉकडाउन के चलते शाखाओं का कार्य प्रभावित रहा। अब 90 प्रतिशत शाखाएं फिर से धरातल पर आ गई हैं और आने वाले कुछ समय में पहले से भी बेहतर स्थिति में होंगी। उन्होंने बताया कि संघ की देशभर में 55,652 शाखाएं चल रही हैं और 18,553 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन चलाए जा रहे हैं।
संघ की ओर से चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में परिवार प्रबोधन, गौ सेवा, पर्यावरण और सामाजिक समरसता की गतिविधियां संचालित की जा रही है। संघ का उद्देश्य भेदभाव रहित हिंदू समाज का एकीकरण है।
साभार-हिस
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