नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार और लैंगिक भेदभाव जैसी अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए यह एक वास्तविक श्रद्धांजलि होगी।
भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 सप्ताह के उत्सव के अवसर पर एक फेसबुक पोस्ट में, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी राष्ट्रीय यात्रा में एक निर्णायक क्षण था और महात्मा गांधी और अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा हमें विरासत में दी गई आजादी को याद करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, उनके सर्वोच्च बलिदानों और उनके उदात्त आदर्शों की असाधारण भावना को याद रखना और उन्हें मनाना हमारा परम कर्तव्य है।
साबरमती से दांडी तक शुरू होने वाली 25 दिवसीय पदयात्र का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि यह पदयात्रा अतीत से प्रेरणा लेने और भक्ति, साहस और आत्मविश्वास के साथ वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। महान दांडी मार्च को याद करते हुए नायडू ने कहा कि इसने राष्ट्र को नमक के सरल लेकिन शक्तिशाली प्रतीक के साथ आंदोलित कर दिया था। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता और सही मायनों में एक लोहा लेने की प्रतिबद्धता के साथ, अंग्रेजों और दुनिया को दिखा दिया कि भारत बल और दमन के आगे नहीं झुकेगा।
नायडू ने हमारे महान नायकों के जीवन से युवाओं को सीख लेने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पूरी आज़ादी तभी मिलेगी जब हम उन लक्ष्यों और संकल्पों को पूरा करेंगे जो हमने खुद के लिए अपने संविधान में निर्धारित किए हैं। उपराष्ट्रपति ने उन शक्तियों से लड़ने के लिए कहा जो लोगों को सतही आधार पर विभाजित करती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयता ने हमें एक सूत्र में इकट्ठा बांध रखा है।
साभार-हिस
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