Home / National / आत्मनिर्भरता की पहली शर्त है अपनी वस्तुओं पर गर्व करना: पीएम मोदी

आत्मनिर्भरता की पहली शर्त है अपनी वस्तुओं पर गर्व करना: पीएम मोदी

  •  जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी: पीएम

नई दिल्ली, आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है, अपने देश की चीजों पर गर्व होना। अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात कही।प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने देश में बनी चीजों पर जब हर देशवासी गर्व करता है, उससे जुड़ता है तो ‘आत्मनिर्भर भारत’ सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर वह ‘नेशनल स्प्रिट’ बन जाता है। आगे उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में साइंस की शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है। आत्मनिर्भर का मतलब अपनी किस्मत का फैसला खुद करना।अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने जल के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि जल हमारे लिए जीवन भी है और आस्था भी। भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा, जब देश के किसी-न-किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। माघ के दिनों में तो लोग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा सोने में परिवर्तित हो जाता है। वैसे ही पानी का स्पर्श, जीवन के लिए जरूरी है, विकास के लिए जरूरी है। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। उन्होंने कहा कि पानी को लेकर हमें अपनी सामूहिक जिम्मेदारियों को समझना होगा। बारिश के मौसम की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने वर्षाजल के संचयन के लिए सौ दिनों का अभियान शुरू करने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने संत रविदास को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं संत रविदास जी की जन्मस्थली वाराणसी से जुड़ा हुआ हूं। संत रविदास जी के जीवन की आध्यात्मिक ऊंचाई को और उनकी ऊर्जा को मैंने उस तीर्थ स्थल में अनुभव किया है। जब भी माघ महीने और इसके आध्यात्मिक सामाजिक महत्व की चर्चा होती है, तो संत रविदास जी बिना वह पूरी नहीं होती।मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। वे वर्ष 2021 में दूसरी बार इस कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से जुड़े।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *