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केन्द्रीय विज्ञान व तकनीकी मंत्री डा हर्ष वर्धन को लिखा पत्र
भुवनेश्वर. ओडिशा के समुद्र तट व प्राकृतिक परिवेश की सुरक्षा के संतुलन को ध्यान में रखकर भुवनेश्वर स्थित लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट में सेंटर आफ एक्सलेंस आन मेराइन बायो टेक्नोलाजी की स्थापना की जाए. केन्द्रीय विज्ञान व तकनीकी मंत्री डा हर्ष वर्धन को पत्र लिखकर केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह अनुरोध किया है.
प्रधान ने अपने पत्र में कहा है कि ओडिशा में लंबा समुद्री तट है, जो शताब्दियों से ओडिशा के हाल मार्क के रुप में परिचित है. मछली की खेती, पर्य़टन, वाणिज्य व लाजिस्टिक व आनुषंगिक कामों में विभिन्न वर्गों के लाखों लोगों को समुद्र तट ने रोजगार दे रही है. समुद्र आधारित ब्लू इकोनामी के लिए विगत वर्षों में छह साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में ओडिशा का तट केन्द्र बिंदु पर है.
विश्व प्रसिद्ध पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर, कोणार्क के सूर्य मंदिर, चिलिका झील, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के पर्यटन व तथा इस क्षेत्र के लिए प्रमुख स्थल के रुप में गिने जाते हैं.
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भुवनेश्वर स्थित लाइफ साइंस इंस्टीट्यूट विभिन्न शोध के माध्यम से क्षेत्रीय जैविक संसाधन का प्रबंधन, इको संरक्षण प्रयास व सामुद्रिक स्रोत का सही इस्तेमाल के संबंध में अधिक शोध किये जाने की आवश्यकता है. ऐसे में ओडिशा में उत्कृष्ट सामुद्रिक परिस्थितिकी पर अधिक शोध किया जाना चाहिए. इस कारण यहां सेंटर आफ एक्सलेंस आन मेराइन बायो टेक्नोलाजी स्थापित करने के लिए उन्होंने अनुरोध किया है.