नई दिल्ली। केंद्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ग्रामीण क्षेत्रों के अनुकूल अनुसंधान आधारित प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल और नवाचार के माध्यम से गांवों में टिकाऊ एवं परिवर्तनकारी बदलाव के प्रयास का आह्वान किया। महाराष्ट्र में वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने रेखांकित किया कि ग्रामीण उद्योगों और खादी के माध्यम से वार्षिक आधार पर लगभग 88,000 करोड रुपए के व्यवसाय का सृजन होता है। उन्होंने कहा कि इसमें और वृद्धि की जा सकती है यदि नीतियां अनुकूल और इनोवेटिव हो तथा उनका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर को सुधारना हो। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण उद्योगों द्वारा उत्पादित किए जा रहे उत्पादों की बिक्री और बेहतर ढंग से हो सकती है यदि उनकी मार्केटिंग बेहतर ढंग से की जाए तो।
महात्मा गांधी, विनोबा भावे, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण के दर्शन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इन महान नेताओं का लक्ष्य एक था- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों के जीवन स्तर को सुधारना। उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन और पर्याप्त सुविधाओं को सुनिश्चित करने के उपाय नहीं ढूँढ़े जाते तब तक इन नेताओं के स्वप्न साकार नहीं होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सही ढंग से विकास न करने के कारण आजादी के बाद से देश की ग्रामीण जनसंख्या की 30% आबादी पलायन करती रही है।
श्री गडकरी ने कहा कि एमएसएमई, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30% का योगदान करती है और लगभग 6.5 करोड एम एस एम ई इकाइयां हैं। सरकार का लक्ष्य है कि यह योगदान बढ़कर 40% हो और ग्रामीण गरीब लाभान्वित हों। उन्होंने जोर दिया कि नीतियां ऐसी बनाई जानी चाहिए जो गरीबों को सशक्त करें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम पश्चिमीकरण के पक्ष में नहीं हैं लेकिन हम अपने गांवों के आधुनिकीकरण के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि यह समय सामाजिक-आर्थिक बदलाव का समय है।