- विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) की स्थापना करने का प्रस्ताव
- विकास वित्त संस्थान से लाभ उठाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा इनविट और रीट के ऋण वित्त पोषण के लिए संबंधित कानूनों में उपयुक्त संशोधन किये जाएंगे
- परिचालन में लाई जा रही सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन लॉन्च करने की घोषणा
इण्डो एशियन टाइम्स, ब्यूरो, नई दिल्ली
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए घोषणा की कि आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने निम्नलिखित तीन कदम प्रस्तावित किए हैं :
- संस्थागत संरचनाएं सृजित की जाएंगी
- परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण पर विशेष जोर होगा
- केन्द्र और राज्य के बजट में पूंजीगत व्यय का हिस्सा बढ़ाया जाएगा
- वित्त मंत्री ने बताया कि 6,835 परियोजनाओं के साथ दिसंबर 2019 में लॉन्च की गई एनआईपी का विस्तार कर दिया गया है और अब इसमें 7,400 परियोजनाएं हो गई हैं। कुछ महत्वपूर्ण अवसंरचना मंत्रालयों के अधीन 1.10 लाख करोड़ रुपये की लागत की लगभग 217 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं।
अवसंरचना का वित्त पोषण – विकास वित्त संस्थान (डीएफआई)
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा की कि विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) से लाभ उठाने के लिए केन्द्रीय बजट में 20,000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि डीएफआई की स्थापना के लिए एक विधेयक पेश किया जाएगा। यह डीएफआई अवसंरचना या बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के वित्त पोषण के लिए एक प्रदाता, सुविधाजनक और उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इस डीएफआई के लिए 3 वर्षों में कम से कम 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पोर्टफोलियो सुनिश्चित करने की महत्वाकांक्षा है।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा इनविट और रीट के ऋण वित्त पोषण के लिए संबंधित कानूनों में उपयुक्त संशोधन किये जाएंगे। इस कदम से अवसंरचना और रियल एस्टेट सेक्टरों के लिए धनराशि बढ़ाने में मदद मिलने की आशा है।
परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण
केंद्रीय वित्त मंत्री ने संभावित मौजूदा अवसंरचना परिसंपत्तियों की एक ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ लॉन्च करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहले से ही परिचालन में लाई जा रही सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण नई अवसंरचना के निर्माण के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण वित्त पोषण विकल्प है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस दिशा में हो रही प्रगति पर करीबी नजर रखने और निवेशकों को इससे अवगत कराने के लिए एक परिसंपत्ति मुद्रीकरण डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा। मुद्रीकरण की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण उपायों का उल्लेख नीचे किया गया है :
ए. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पीजीसीआईएल ने एक-एक इनविट को प्रायोजित किया है, जो विदेशी एवं घरेलू संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करेंगे। 5000 करोड़ रुपये के अनुमानित उद्यम मूल्य वाली 5 चालू सड़कों को एनएचएआईइनविट को हस्तांतरित किया जा रहा है। इसी तरह 7000 करोड़ रुपये मूल्य की पारेषण परिसंपत्तियों को पीजीसीआईएलइनविट को हस्तांतरित किया जाएगा।
बी. रेलवे समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का इस्तेमाल शुरू करने के बाद परिचालन एवं रख-रखाव के लिए इसकी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेगी।
सी. परिचालन एवं प्रबंधन संबंधी रियायत के लिए हवाई अड्डों के अगले समूह का मुद्रीकरण किया जाएगा।
डी. परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के तहत अमल में लाई जाने वाली अन्य प्रमुख अवसंरचना परिसंपत्तियां ये हैं : (i) एनएचएआई द्वारा चालू की जा चुकी टोल रोड (ii) पीजीसीआईएल की पारेषण परिसंपत्तियां (iii) गेल, आईओसीएल एवं एचपीसीएल की तेल व गैस पाइपलाइनें (iv) टियर-2 एवं टियर -3 शहरों में स्थित एएआई के हवाई अड्डे (v) रेलवे की अन्य अवसंरचना परिसंपत्तियां (vI) सीपीएसई जैसे कि केन्द्रीय भंडारण निगम, नैफेड इत्यादि की भंडारण परिसंपत्तियां, और (vii) खेल स्टेडियम।