 नंदीग्राम-ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले राज्य के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी की नंदीग्राम रैली पर ईंट पत्थरों से हमला करने का आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। इसकी वजह से हालात वहां तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि भाजपा के नेताओं ने वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर हालात को संभाल लिया।
नंदीग्राम-ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले राज्य के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी की नंदीग्राम रैली पर ईंट पत्थरों से हमला करने का आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। इसकी वजह से हालात वहां तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि भाजपा के नेताओं ने वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर हालात को संभाल लिया।
मौके पर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष समेत कई अन्य नेता मौजूद थे। इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि बुद्धदेव भट्टाचार्य के शासनकाल में जब नंदीग्राम के लोगों को पुलिस ने गोली मार दी थी तब ममता की हिम्मत नहीं पड़ती थी यहां घुसने की। तब लालकृष्ण आडवाणी के साथ ममता ने नंदीग्राम में पैर रखा था। एनडीए की वजह से उनका अस्तित्व सामने आया लेकिन आज हमारे ही साथ धोखा कर रही हैं। ममता बनर्जी से बड़ा विश्वासघाती कोई नहीं है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी के शासन का अंत निश्चित है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की बदहाली ऐसी हो गई है कि अपने विधायकों और नेताओं को पुलिस की मदद से घर में कैद रखना पड़ रहा है। कहीं ऐसा ना हो कि वे नेता भाजपा में आ जाएं। भाजपा की सरकार बनने के बाद यहां सुशासन स्थापित किया जाएगा।
इधर सभा में हमला होने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने साफ कर दिया था कि जब तक सारे कार्यकर्ता अपने-अपने घर नहीं पहुंच जाते हैं तब तक वह सभा स्थल को नहीं छोड़ेंगे और उन्होंने ऐसा ही किया। सभा में ईंट पड़ने के बाद जब माहौल तनावपूर्ण हो गया था उसके बाद शुभेंदु अधिकारी ने अपना संबोधन संक्षिप्त कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि सूर्य डूबने से पहले हमारे सारे कार्यकर्ता घर पहुंच जाएं। आज जनसभा में ईंट फेककर घायल करने की कोशिश की गई। मैंने माकपा के शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी लेकिन माकपा ने कभी भी तृणमूल की किसी भी सभा में ईंट नहीं फेंका था।”
उन्होंने कहा कि नंदीग्राम आंदोलन में 41 लोग शहीद हुए थे जिनमें से 30 लोगों के परिवार के सदस्य यहां मौजूद हैं। ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में शहीद दिवस यानी 7 जनवरी को सभा नहीं करने को लेकर भी उन्होंने हमला बोला। उन्होंने कहा कि सीएम सात को सभा करने वाली थीं लेकिन भाग गईं। अब वे यहां 18 तारीख को सभा करने वाली हैं। मैं भी घोषणा करता हूं कि 19 तारीख को मैं भी नंदीग्राम के ही खेजूरी में सभा करूंगा। उनको उसी दिन जवाब दूंगा। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह 18 जनवरी को नंदीग्राम में सभा करेंगी।
साभार-हिन्दुस्थान समाचार
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