Home / National / लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित

लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित

  •  विमान में गड़बड़ी का पता लगते ही पायलट ने सुरक्षित रूप से निकासी की

  •  वायुसेना सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए

​नई दिल्ली– ​राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में मंगलवार की शाम प्रशिक्षण के दौरान वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन क्रैश हो गया है। विमान में गड़बड़ी का पता लगते ही पायलट ने सुरक्षित रूप से निकासी कर ली, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई। वायुसेना ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

वायुसेना ने अपने बयान में कहा है कि लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन नियमित उड़ान पर था। तभी पायलट ने ​तकनीकी खराबी का अनुभव किया। गड़बड़ी का पता चलते ही पायलट 8.15 बजे सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकलने में कामयाब रहा, इससे ​कोई जनहानि नहीं हुई है। इसके बाद यह विमान श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में एक खेत में गिरकर क्रैश हो गया। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गांव के लोगों ने प्रशासन को सूचना दी। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए वायुसेना सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।

साठ साल की उम्र पूरी करने के बाद अब भारतीय वायुसेना से रूसी लड़ाकू विमान मिग वेरिएंट की विदाई का वक्त करीब आ गया है। वैसे तो भारत को पाकिस्तान से तीन युद्ध जिताने वाले इस ‘लड़ाकू’ मिग-21 को 50 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद रिटायर कर दिया गया था लेकिन भारत के पास बचे 54 ‘सेनानियों’ को रूसी कम्पनी ने अपग्रेड करके मिग-बाइसन बना दिया। अब एयरो इंडिया-2021 के दौरान 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए की डील फाइनल होने के बाद यह ‘योद्धा’ वायुसेना से रिटायर हो जायेगा। लड़ाकू विमानों की इस पीढ़ी के विदा होने के बाद इनकी जगह स्वदेशी ‘तेजस’ लेगा जिसे एचएएल कई वेरिएंट में बना रहा है।

मिग-21 बाइसन
रूसी कंपनी ने 11,496 मिग-21 विमानों का निर्माण करने के बाद अपने आखिरी मिग-21 को मिग बाइसन के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था। इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग-21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था। इसके बाद रूसी कंपनी ने भारतीय वायुसेना के पास बचे 54 मिग-21 विमानों को भी मिग-21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया। इसलिए भारतीय वायु सेना का मिग-21 अपग्रेड होकर ‘मिग-21 बाइसन’ हो गया। इस अपग्रेडेड ‘मिग-21 बाइसन’ में बबल कैनोपी और रैपराउंड विंडस्क्रीन, पहले से ज्यादा अधिक सक्षम रडार, दूर तक देखने की क्षमता, बियॉन्ड विजुअल रेंज, मिसाइल से फायर करने की क्षमता है। इनके अलावा कई अन्य संशोधनों ने हवाई जहाज की क्षमता में चार गुना वृद्धि की और इसे शुरुआती एफ-16 वेरिएंट के स्तर तक लाया गया। इस समय भारतीय वायुसेना के पास 54 मिग-21 बाइसन हैं।
साभार-​​हिन्दुस्थान समाचार

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *