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राज्यपाल की धर्मपत्नी सुशीला देवी के निधन पर विधानसभा में शोक प्रस्ताव पारित

  • उनके सम्मान प्रथमार्ध में सदन में नहीं हुआ कामकाज

भुवनेश्वर. ओडिशा  के राज्यपाल पुत्र गणेश लाल की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला देवी की रात निधन हो गया है। उनके लिए आज विधानसभा में शोक प्रस्ताव पारित करने के साथ-साथ उनके आत्मा की सद्गति के लिए 1 मिनट मौन प्रार्थना की गई। साथ ही उनके सम्मान के लिए विधानसभा की प्रथमार्ध की बैठक में कोई कामकाज नहीं हुआ तथा सदन को स्थगित कर दिया गया।

सोमवार को सदन की बैठक प्रारंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार सदन के नेता तथा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके लिए शोक प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय सुशीला देवी सन 1946  के 8  दिसंबर को हरियाणा के हिसार स्थित सत रोड में जन्म लिया था। वह  हमेशा राज्यपाल को हर क्षेत्र में सहयोग देती आ रही थी।  वह एक धार्क महिला थी।  गरीब और असहाय लोगों के लिए उनके हृदय में असीम संवेदनाएं थी। एक कठिन समय में उनके पति के साथ पत्थर की तरह खड़ी थी। आपातकालीन स्थिति में भी उन्होंने  प्रोफेसर गणेशीलाल को सहयोग दिया था। विपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने मुख्मंत्री द्वरा लाये गये इस शोक  प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि एक अत्यंत दुखद घटना है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से से शोक व्यक्त करते हैं तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह ने भी शोक प्रस्ताव का  समर्थन किया और कहा कि अत्यंत अच्छी व विनम्र थी। उन्होंने अपना संस्मरण सुनाते हुए कहाकि  राज भवन में अपनी पत्नी के साथ  एक बार गए थे। उस दौरान चर्चा के दौरान उन्हें ऐसा नहीं लगा कि वह राजभवन में हैं, बल्कि उन्हें लगा कि वह अपने घर में हैं।  उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष आग्रह किया कि सदन को स्थगित कर दिया। विधानसभा मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि उनका निधन राज्यपाल व ओडिशा के  लिए क्षति है। राज्यपाल को सहयोग करती थी। वह विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों से जुड़ी हुई थीं।  इसके बाद 1 मिनट की प्रार्थना किया गया। इसके पश्चात सदन की बैठक को रद्द किए जाने के साथ 10:42 से दोपहर 3:00 बजे तक सदन को स्थगित कर दिया गया।

 

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