नई दिल्ली. हस्तशिल्प भारत की उत्तम सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यह देश के लोगों की आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। यह क्षेत्र महिला सशक्तिकरण के नजरिये से भी काफी अहम है क्योंकि सभी हस्तशिल्प कारीगरों और कामगारों का 55 प्रतिशत से अधिक हिस्सा महिला आबादी से है।
प्रधानमंत्री ने आग्रह किया है कि भारतीय हस्तशिल्पों का इस्तेमाल करना हमारा प्रयास होना चाहिए और इसके बारे में अधिक-से-अधिक लोगों को जानकारी दी जानी चाहिए।
कपड़ा मंत्री ने सभी लोगों से की गई एक अपील में कहा है कि ‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 9 नवम्बर को किए गए आह्वान से प्रेरित होकर आइए हम सब मिलकर स्थानीय कपड़ा और हस्तशिल्प कारोबार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करें। चाहे यह माटी का दीया हो या पर्दा अथवा लटकाने की कोई सामग्री, घरों में बिछाई जाने वाली चादरें, अथवा हस्तशिल्प वस्तुए हों जिन्हें आप अपने सगे-संबंधियों और मित्रों को उपहार देते हैं, यह दिवाली हर खरीदारी के लिहाज से महत्वपूर्ण है। दिवाली पर की जाने वाली खरीदारी को बुनकरों, कारीगरों, स्थानीय एवं छोटे कारोबारियों के जरिए प्रोत्साहित करने के लिए कृपया आप इसे अपने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर दिखाए और हैशटैग ‘#लोकल4दिवाली’ का इस्तेमाल करें। अपनी पसंदीदा वस्तु – चाहे यह परिधान हो या ऐसा कोई हस्तशिल्प उत्पाद जिसे आप भेंट करना चाहेंगे या घर में इस्तेमाल करेंगे, आपने इसे जहां से खरीदा है उस व्यक्ति को ‘#लोकल4दिवाली’ से टैग करें। आइये इस रुझान की मदद से हम इस चुनौतीपूर्ण समय में खरीदारी को सहारा दें और आपका यह समर्थन इस समय अनेक जरूरतमंद लोगों के लिए एक अवसर को पुनर्जीवित करेगा।’
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