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ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं, आगे किसी स्पष्टता की जरूरत नहीं’

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मंगलवार को एक बार फिर दोहराया की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ संभव नहीं है और यह बार-बार साबित हुआ है। इस पर आगे किसी स्पष्टता की जरूरत नहीं है।
बिहार विधान सभा चुनावों और देशभर में होने वाले उपचुनावों की व्यवस्था और प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए मंगलवार दोपहर को चुनाव आयोग ने पत्रकार वार्ता आयोजित की।
उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और छेड़छाड़ रहित है। सुप्रीम कोर्ट भी एक से ज्यादा बार इस पर मोहर लगा चुका है। अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और आगे इसमें अधिक स्पष्टता की जरूरत नहीं है।
मत गिनती को गड़बड़ी मुक्त बताते हुए उप चुनाव आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा कि दोपहर 1 बजे तक करीब एक करोड़ मतों की गिनती हो चुकी है। अभी भी काफी मतों की गिनती बाकी है और इस दौरान कोई भी दिक्कत यह समस्या सामने नहीं आई है।
कोरोना महामारी के चलते बिहार में जारी मतगणना में देरी पर उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने कहा कि इस बार चुनावों में 63 प्रतिशत अधिक मतदान केन्द्र बनाए गए थे। अधिक मतदान केन्द्रों के चलते इस बार पिछली बार के 65 हजार के मुकाबले करीब 1.06 लाख ईवीएम मशीनें चुनावों में लगाई गई हैं। चुनाव आयोग का मानना था कि प्रत्येक पोलिंग बूथ पर करीब 1000 से 1500 मतदाता सूचीबद्ध होने चाहिए।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा मतगणना केन्द्रों में भी इस बार इजाफा किया गया है। पिछली बार 38 स्थानों पर गिनती की गई थी। इस बार 55 स्थानों पर गिनती की जा रही है। वहीं एक हाल में गिनती के लिए पहले 14 टेबल लगाए जाते थे जिन्हें घटाकर 7 कर दिया गया है। प्रत्येक मतगणना केंद्र पर 19 से 51 राउंड की मतगणना प्रक्रिया होनी है।
डाक मतपत्रों का जिक्र करते हुए चंद्रभूषण ने बताया कि मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक जिन मतपत्रों की प्राप्ति हुई थी, उन्हें गिनती में शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार बिहार चुनावों में 57.09 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग किया है। बिहार में कुल 7.3 करोड़ मतदाता हैं, यानी करीब 4.16 करोड़ मतदाताओं ने इस बार बिहार में मतदान दिया है।
साभार-हिस

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