नई दिल्ली। देश में उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) किसानों को डीएपी, एमओपी, एनपीके और सल्फर आधारित उर्वरकों जैसे गैर-यूरिया उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इन प्रयासों से कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में सभी गैर-यूरिया उर्वरकों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की है।
कंपनी ने सल्फर आधारित उर्वरकों की बिक्री में पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले इस वर्ष बेंटोनाइट सल्फर में 237% एवं एसएसपी में 133% की वृद्धि दर्ज की| एनएफएल पानीपत प्लांट में उत्पादित बेंटोनाइट सल्फर ने अप्रैल-अक्टूबर 2020 की अवधि में 11730 मीट्रिक टन की बिक्री दर्ज की जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3478 मीट्रिक टन थी, इसके साथ ही एसएसपी की बिक्री भी 14726 मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 6323 मीट्रिक टन थी |
इस उपलब्धि पर कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक वीएन दत्त ने कहा कि मिट्टी को संतुलित पोषण देने हेतु सभी प्रकार के उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।
पौधों की वृद्धि और उपज को अधिकतम करने के लिए सल्फर अति आवश्यक है। चौथे सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व के रूप में, सल्फर नाइट्रोजन के उपयोग की दक्षता में भी आवश्यक है। नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, यूरिया, डी.ए.पी, एम.ओ.पी, एन.पी.के, ए.पी.एस, कंपोस्ट, एस.एस.पी और बेंटोनाइट सल्फर के अलावा कई प्रकार के जैव उर्वरकों का विपणन करता है ताकि किसानों को सभी तरह के उर्वरक एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराये जा सकें |
नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P) और पोटाश (K) के बाद, सल्फर (S) चौथा प्रमुख पोषक तत्व है जिसकी मिटटी को आवश्यकता होती है और सल्फर की कमी भारतीय मृदा में व्यापक पाई जाती है। यह तिलहन, दलहन, सब्जियां, गन्ना, धान, बागवानी फसलों आदि की फसलों के लिए आवश्यक होती है।
मुख्य रूप से बेंटोनाइट सल्फर और एसएसपी के माध्यम से मिट्टी में सल्फर की भरपाई की जाती है। जबकि बेंटोनाइट सल्फर में 90% सल्फर होता है, एसएसपी में 11% सल्फर, 16% पी 2 ओ 5 और 21% कैल्शियम होता है।
पौधों की वृद्धि और उपज को अधिकतम करने के लिए सल्फर अति आवश्यक है। चौथे सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व के रूप में, सल्फर नाइट्रोजन के उपयोग की दक्षता में भी आवश्यक है।