तन्मय सिंह, राजगांगपुर
राजगांगपुर थाना अंतर्गत ख़टंग पंचायत स्थित जंघाटोली गाँव निवासी बिरजू पिता कामलिस कुल्लू पाकिस्तान के लाहौर जेल मे बीस वर्ष बंदी जीवन काटने के बाद अपने गाँव ख़टंग लौट रहे हैं. गौरतलब है कि बिरजू का बचपन से ही मानसिक संतुलन ठीक न होने के कारण वह 25 वर्ष की उम्र मे भारत की सीमा लांघ कर पाकिस्तान चले गए थे. तभी वहां पाकिस्तानी सैनिकों ने बिरजू को पकड़कर बंदी बनाकर जेल मे भर दिया. बिरजू के लापता होने पर उसके माता-पिता ने काफी इधर-उधर अपने रिश्तेदारों के घर तलाश किया, लेकिन बिरजू का कोई पता नहीं चला. गौरतलब है कि पिछले वर्ष बिरजू का परिचय एवं पता की जांच-पड़ताल करने कुत्रा पुलिस बिरजू के घर गयी थी. तभी पता चला कि वह पाकिस्तान जेल में है. बिरजू की मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कारण वह भूल से पाकिस्तान सीमा के भीतर चला गया था. परिणामस्वरूप बिरजू को पाकिस्तानी सैनिक जासूस होने के संदेह में उसे बंदी बना कर जेल मे रखा था.
लाहौर जेल में बीस वर्ष बंदी जीवन काटने के बाद 26 अक्टूबर 2020 को रिहा हो कर पाकिस्तान सेना बिरजू को भारत स्थान्तरण कर दिया. बिरजू के अमृतसर पहुंचने के बाद कोविद हास्पिटल मे भर्ती किया गया है. वहाँ से अपने गाँव ख़टंग जंघाटोली लौटने के लिए बिरजू के परिवार एवं प्रशासन के तरफ से व्यवस्था की जा रही है. काफी अरसे से बिरजू लापता होने के कारण उसी बीच बिरजू के माता-पिता की मौत हो गई थी. गाँव मे केवल बिरजू के चाचा और बड़े पिताजी के परिवार से सदस्य हैं. बिरजू की एकलौती बहन राजगांगपुर ब्लॉक अंतर्गत कुकुड़ा गाँव मे विवाह कर अपने परिवार के साथ रहती हैं. काफी वर्षों के बाद बिरजू के घर लौटने को लेकर उसके परिजन बिरजू का बेसब्री से इंतेजार कर रहे हैं.