पुलवामा हमला
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब वह अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहे थे, तो उन्हें पुलवामा हमले की घटना का स्मरण हुआ। देश इस घटना को कभी नहीं भूल सकता है और जिन बहादुर बेटों ने अपनी शहादत दी, उनके प्रति राष्ट्र दुखी है। श्री मोदी ने कहा कि उस घटना को लेकर जिस तरह के बयान दिए गए उन्हें देश कभी नहीं भूलेगा और पड़ोसी देश की संसद में हाल ही में जिस प्रकार के बयान दिए गए हैं वह सच्चाई को सामने ला रहे हैं। उन्होंने देश में द्वेषपूर्ण राजनीति पर खेद व्यक्त किया, जो स्वार्थ और घमंड पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जिस प्रकार की राजनीति की गई, वह इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि लोग अपने राजनीतिक हितों के लिए किस सीमा तक जा सकते हैं। उन्होंने ऐसे राजनीतिक दलों से देश की सुरक्षा के हितों के लिए काम करने और सुरक्षा बलों के मनोबल को बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जानते हुए या ना जानते हुए आप अपने स्वार्थ के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं और ऐसा करके आप न तो देश के हित में और न ही अपनी पार्टी के हित में काम करने में सक्षम होंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के हित ही हम सभी के सर्वोपरि हित होने चाहिए और जब हम प्रत्येक व्यक्तियों के हितों के बारे में सोचेंगे, तभी प्रगति कर सकेंगे।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुजरात पुलिस, केन्द्रीय आरक्षित सशस्त्र बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवानों की रंगारंग परेड को देखा। इस परेड में सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों की राइफल ड्रिल भी शामिल थीं। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के जगुआर विमानों ने फ्लाईपास्ट किया। राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने देश की आदिवासी धरोहर का प्रदर्शन करने वाले एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।