नई दिल्ली. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि उनका मंत्रालय एक कृषि एमएसएमई नीति लाने पर काम कर रहा है जो स्थानीय कच्चे माल का उपयोग करते हुए विनिर्माण उत्पादों के लिए ग्रामीण, जनजातीय, कृषि और वन क्षेत्रों में उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी. वे एमएसएमई पर कोविद-19 के पड़ने वाले असर को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठकों के दौरान बोल रहे थे, जिनमें एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया, एसएमई निर्यात संवर्धन परिषद् के प्रतिनिधियों और कल्याण एवं सौंदर्य उद्योग के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. गडकरी ने उद्योग जगत से आह्वान किया कि उद्योगों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि कोविद-19 के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक निवारक उपाय किए जाएं. उन्होंने पीपीई (मास्क, सैनिटाइजर आदि) के उपयोग पर जोर दिया और व्यावसायिक परिचालनों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को बनाए रखने की सलाह दी. केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि विदेशी आयातों को घरेलू उत्पादन के साथ बदलने के लिए निर्यात वृद्धि के साथ-साथ आयात प्रतिस्थापन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इस उद्योग को अपने ज्ञान को संपत्ति में बदलने के लिए नवाचार, उद्यमिता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान कौशल और अनुभवों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मंत्री ने याद किया कि जापान सरकार ने चीन से जापानी निवेशों को बाहर निकालने और अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए अपने उद्योगों को विशेष पैकेज देने की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए ये एक ऐसा अवसर है जिसे उसे जाने नहीं देना चाहिए. उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि दिल्ली-मुंबई हरित एक्सप्रेस हाईवे के नए संरेखण पर काम शुरू हो चुका है और ये इस उद्योग के लिए एक ऐसा अवसर जिसमें वो अत्याधुनिक तकनीक से युक्त औद्योगिक क्लस्टरों और लॉजिस्टिक पार्कों में भविष्य का निवेश करे. उन्होंने राय रखी कि मेट्रो शहरों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी औद्योगिक क्लस्टरों के क्षितिज का विस्तार देने की जरूरत है और उन्होंने उद्योगों से आग्रह किया कि वे इसमें भागीदारी दिखाएं. गडकरी ने कल्याण और सौंदर्य उद्योग को सुझाव दिया कि आयातित उत्पादों के बजाय भारतीय आयुर्वेद के उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करें. मंत्री महोदय ने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय ने प्रशिक्षण, कौशल, हैंडहोल्डिंग और उद्यमिता विकास के क्षेत्रों में एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. उन्होंने यह भी सलाह दी कि कल्याण और सौंदर्य उद्योग के सदस्यों को एमएसएमई के तहत पंजीकरण करना चाहिए ताकि वे एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो सकें. इन बातचीत के दौरान संबंधित प्रतिनिधियों ने कोविद-19 महामारी की वजह से विभिन्न एमएसएमई के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों के बारे में चिंता व्यक्त की और कुछ सुझाव देते हुए सरकार से अनुरोध किया कि इस क्षेत्र को चलायमान बनाए रखने के लिए अपना समर्थन दें. इस दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला गया और सुझाव दिए गए उनमें ये मुद्दे शामिल हैं: ऋण स्थगन का और अधिक विस्तार, लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को उनके ईएसआई और भविष्य निधि से वेतन का भुगतान, एमएसएमई के लिए हेल्पलाइन, वित्त तक पहुंच को मजबूत करना आदि. गडकरी ने प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिए और सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि वे संबंधित विभागों के समक्ष इन मुद्दों को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों को इस संकट से पार पाने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और उन्होंने उस उद्योग से आग्रह किया कि इस संकट के दूर होने के समय तक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें.
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