नई दिल्ली – विश्व हिन्दू परिषद् कार्याध्यक्ष एडवोकेट श्री अलोक कुमार ने आज कहा है कि हमको श्री उद्धव ठाकरे का वक्तव्य देखकर आश्चर्य हुआ है जिसमे उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि के लिए भूमि पूजन को विडियो-कॉन्फ़्रेंसिंग से कराने का सुझाव दिया. यह सुझाव केवल एक अंधे विरोध करने की भावना से आया है. उन्होंने कहा कि यह शिवसेना का कैसा पतन है जिसे कभी श्री बाला साहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनिति के लिए गढ़ा था.
भूमि पूजन भवन निर्माण के पहले एक आवश्यक और पवित्र रस्म है. भूमि को खोदने से पहले पृथ्वी माँ की पूजा की जाती है, उनसे आशीर्वाद माँगा जाता है और वहां नीव खोदने की अनुमति ली जाती है. यह काम दिल्ली में बैठ कर विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से नहीं किया जा सकता.
कोरोना की सारी सावधानियाँ बरतते हुए देश सामान्य जीवन जीने की ओर बढ़ रहा है. थोड़े समय पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी थी. श्री अमरनाथ यात्रा के स्थगित होने के बावजूद उस यात्रा की सारे धार्मिक रीती-रिवाजों को निभाया गया है.
विश्व हिन्दू परिषद् ने हमेशा स्पष्ट किया है कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में केवल 200 लोग रहेंगे और सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के सारे निर्देशों का पालन किया जायेगा. इस स्थिति में सार्वजानिक स्वास्थ्य के बारे में श्री ठाकरे की चिंता विरोध करने के लिए रचा गया ढोंग मात्र है.