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जीएसटी ‘बचत उत्सव’ काे केंद्रीय मंत्रियों ने बताया ऐतिहासिक कदम, विपक्ष ने लगाए राजनीति के आरोप

नई दिल्ली। नवरात्रि के पहले दिन से देश भर में लागू हुई नई जीएसटी दरों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जनता को ‘दिवाली उपहार’ करार देते हुए ‘बचत उत्सव’ की संज्ञा दी, वहीं विपक्षी दलों ने इसे अपर्याप्त और राजनीति से प्रेरित बताया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जीएसटी पर कहा कि “मोदी सरकार का नवरात्रि के शुभ अवसर पर देश की सभी माताओं-बहनों को नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म का उपहार है। मोदी ने देशवासियों से जीएसटी रिफॉर्म का जो वादा किया था, वह आज से पूरे देश में लागू हो गया है। इस जीएसटी में 390 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स में ऐतिहासिक कमी की गई है। खाद्य एवं घरेलू सामान, होम बिल्डिंग व मैटेरियल्स, ऑटोमोबाइल, कृषि, सेवाएं, खिलौने, स्पोर्ट्स व हैंडीक्राफ्ट्स, शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य, बीमा जैसे क्षेत्रों में जीएसटी में अभूतपूर्व राहत से देशवासियों के जीवन में खुशियां आएंगी और उनकी बचत भी बढ़ेगी।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज नवरात्रि की शुरुआत हुई है। आज ऐतिहासिक दिवस इसलिए भी है कि आज जीएसटी सुधार लागू होने का पहला कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी का अरुणाचल प्रदेश से शुरू हुआ है। अरुणाचल प्रदेश से कोई भी शुभ काम जब शुरू होता है तो वो तुरंत पूरे देश में फैल जाता है। जिससे सबको लाभ मिलेगा।”
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने टैक्स स्लैब को 5 फीसदी और 18 फीसदी तक सीमित कर ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह ‘बचत उत्सव’ हर घर को लाभ देगा। हमें स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मोदी सरकार ने सौगातों की बारिश की है। रोजमर्रा की चीजें, कृषि उपकरण और खाद्य पदार्थ सस्ते हुए हैं। यह बचत उत्सव जनता को पैसा बचाने और अन्य कार्यों में खर्च करने का अवसर देगा।”
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नई जीएसटी दरें लागू होने पर कहा, “सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री का धन्यवाद करता हूं कि जो इतने साल से मांग चल रही थी कि जीएसटी रेट में सुधार किया जाए। उन्होंने इस मांग को स्वीकार किया। इस सुधार से लोगों को काफी राहत मिली है।”
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “जीएसटी को दो स्लैब (5 फीसदी और 18 फीसदी) में लाकर कृषि उत्पाद, गाड़ियां और अन्य सामान सस्ते किए गए हैं। यह त्योहारी सीजन में ‘बचत उत्सव’ के रूप में अर्थव्यवस्था को गति देगा।”
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उत्साह जताते हुए कहा, “390 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी से जीडीपी में 0.8% की वृद्धि हो सकती है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।”
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, “यह सुधार विकसित भारत के सपने को साकार करने और स्वदेशी को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कदम है।”
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “जीएसटी दरों में 15-20 फीसदी की कमी से समाज के हर वर्ग को लाभ होगा। यह ‘बचत उत्सव’ अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जीएसटी दरों को 5% और शून्य तक लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति दी गई है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं के साथ संवाद से यह उत्साह पूरे देश में फैल रहा है।”
भाजपा नेता योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, “जीएसटी सुधार से दुकानदारों की परेशानी खत्म होगी और महंगाई पर नियंत्रण आएगा। 90 फीसदी खाद्य पदार्थों पर शून्य कर और अन्य पर 5 फीसदी कर ऐतिहासिक उपलब्धि है।”

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “जीएसटी 2.0 से रोटी, कपड़ा और मकान सस्ते होंगे। यह किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए राहतकारी है। दो स्लैब से कर प्रणाली सरल होगी, जिससे बड़ी बचत होगी।”
दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने जीएसटी सुधारों को ‘डेढ़वां अवतार’ करार देते हुए कहा, इन सुधारों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा या नहीं, यह बड़ा सवाल है। 8 साल पहले यह सुधार करना चाहिए था। यह ट्रंप के टैरिफ और वीजा मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पिछले 8 सालों में जनता से 50 लाख करोड़ से अधिक जीएसटी वसूला गया। अब ‘बचत उत्सव’ का ढोंग रचकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। सरकार को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
वहीं, आम आदमी पार्टी (आआपा) के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जीएसटी लागू होने पर विपक्ष ने इसका विरोध किया था, क्योंकि यह व्यापारियों और ग्रोथ रेट को नुकसान पहुंचाएगा। 8 साल तक इसे जनता पर थोपा गया। अब इसे सुधार कहकर प्रचारित करना महज राजनीति है।”
साभार – हिस

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