नई दिल्ली। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिंबल का कहना है कि विदेशी धौंस के खिलाफ एकजुट होने के बजाय विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बना रहा है। उनका कहना है कि भारत के खिलाफ ट्रम्प के विरोधी कदमों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को दोषी ठहराना हमारे प्रतिरोध को कमजोर करता है।
पूर्व विदेश का यह बयान ट्रंप प्रशासन की ओर से एच1बी वीजा की फीस बढ़ोतरी को लेकर आया है। एच1बी वीजा के ज्यादातर लाभार्थी भारतीय हैं। वह अमेरिकी कंपनियों में प्रोफेशनल की कमी दूर करते हैं। उनके इस बयान को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साझा करते हुए कहा कि कंवल सिब्बल अत्यंत बुद्धिजीवी, पूरी तरह से संजीदा और विद्वान राजनयिक हैं, जो अपने तीखे और अत्यंत प्रासंगिक विचारों के लिए जाने जाते हैं। मैं उनका दर्द समझ सकता हूं, जिसने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष को यह बेहतरीन सलाह देने के लिए मजबूर किया। हमारे पास राजनीति करने के लिए पर्याप्त समय और स्थान है, लेकिन जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है, तो हम सभी को भारत के लिए बोलना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्रंप प्रशासन के फैसले पर मोदी सरकार पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। गले मिलना, खोखले नारे लगाना, संगीत कार्यक्रम आयोजित करना और लोगों से “मोदी-मोदी” का नारा लगवाना विदेश नीति नहीं है! विदेश नीति हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, भारत को सर्वोपरि रखने और समझदारी व संतुलन के साथ मित्रता निभाने के बारे में है। इसे केवल दिखावटी दिखावा नहीं माना जा सकता, जिससे हमारी दीर्घकालिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचने का खतरा हो।
इस पर पूर्व राजनयिक सिब्बल ने कहा था कि ट्रम्प अपने सहयोगियों समेत सभी के साथ अजीब व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा, मेक्सिको को भी इसी तरह अपमानित किया है। उन्होंने पूछा कि क्या विपक्ष इस बात के खिलाफ है कि भारत अपनी विदेश नीति के बारे में अमेरिका के निर्देशों को मानने से इंकार कर रहा है? हमने पाकिस्तान के विपरीत, ट्रम्प की सद्भावना अर्जित करने के लिए उनके परिवार और निकट सहयोगियों के साथ कोई व्यापारिक सौदे नहीं किए हैं, जिस पर किसी भी स्थिति में भरोसा नहीं किया जा सकता। घरेलू राजनीति के लिए एक गंभीर बाहरी चुनौती का फायदा उठाने की कोशिश क्यों करें?
साभार – हिस
