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शिक्षक महाकुंभ’का आयोजन, केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान बोले- राष्ट्र निर्माण के प्रमुख शिल्पी हैं शिक्षक

नई दिल्ली। शिक्षक दिवस पर आज दिल्ली सरकार ने ‘शिक्षक महाकुंभ’-राजकीय शिक्षक सम्मान समारोह का त्यागराज स्टेडियम में आयोजन किया। समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे। उन्होंने शिक्षकों और बच्चों से संवाद किया। शिक्षक महाकुंभ में 118 शिक्षक एवं 5 शिक्षाविद सम्मानित किए गए। समारोह में बच्चों द्वारा अपने शिक्षकों के सम्मान में प्रस्तुत की गई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समारोह को संबोधित करते हुए कि भारत में गुरु-शिष्य परंपरा अत्यंत प्राचीन और गौरवशाली रही है। शिक्षक केवल ज्ञान देने वाले नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के प्रमुख शिल्पी हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं और विद्यार्थियों के संस्कार निर्माण में उनकी भूमिका अद्वितीय है।
केंद्रीय मंत्री ने शिक्षक महाकुंभ को राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा के उत्थान का सशक्त प्रतीक बताया। उन्होंने दिल्ली सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों, विशेषकर सरकारी स्कूलों के स्तर को सुधारने और निपुण भारत मिशन को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सभी शिक्षक जो कार्य कर रहे हैं, वह केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि ईश्वर का कार्य है, एक दिव्य कार्य है। शिक्षक केवल करियर या नौकरी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे देश निर्माण के महान कार्य में निरंतर जुटे हुए हैं। उनके हाथों से तैयार होकर निकला हर बच्चा समाज और राष्ट्र का नाम रोशन करता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाना निस्संदेह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अक्सर संसाधनों और सुविधाओं की कमी होती है, इसके बावजूद शिक्षक बच्चों को बेहतर शिक्षा और संस्कार देने में निरंतर लगे रहते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि दिल्ली सरकार अपने सरकारी स्कूलों को पब्लिक स्कूलों से भी बेहतर बनाएगी ताकि यहां कार्यरत करीब 70,000 शिक्षकों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकें और 18 लाख से अधिक विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हम दिल्ली के स्कूलों का स्तर इतना श्रेष्ठ बना दें कि अभिभावक वहां अपने लाडलों का दाखिला स्कूलों का शानदार स्तर देखकर कराएं, यह नहीं कि वहां सस्ती शिक्षाा मिलती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने शिक्षा से जुड़ी सामग्री से जीएसटी की दरें शून्य करें दी हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जानते हैं कि शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए देश में किस प्रकार के उपायों की आवश्यकता है।
रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का सपना है कि यहां के सरकारी स्कूल इतने बेहतर हों कि किसी भी माता-पिता को अपने बच्चे को निजी स्कूल में भेजने की आवश्यकता न पड़े। आय अथवा आर्थिक स्थिति कभी भी शिक्षा प्राप्त करने में बाधा न बने। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, जबकि शिक्षा का वातावरण, संस्कार और राष्ट्र के प्रति भावनाएं जागृत करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए ऐतिहासिक कानून का उल्लेख करते हुए इसे अभिभावकों के लिए बड़ी राहत देने वाला कदम बताया। उन्होंने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि शिक्षक केवल पाठ नहीं पढ़ाते, बल्कि चरित्र गढ़ते हैं और राष्ट्र की नींव को मजबूत बनाते हैं।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा केवल पेशा नहीं, बल्कि एक मिशन है, जैसा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन से दिखाया। सूद ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मां जन्म देती है, पर शिक्षक जीवन गढ़ता है। वास्तव में, बच्चों का भविष्य जिस रूप में बनता है, उसका सबसे बड़ा श्रेय शिक्षक को ही जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने हमारी शिक्षा को नई परिभाषा दी है, मल्टीडिसिप्लिनरी लर्निंग, वोकेशनल एक्सपोज़र, एक्सपेरिमेंटल लर्निंग और डिजिटल एम्पावरमेंट, जिससे हमारे बच्चे इक्कीसवीं सदी के लिए फ्यूचर रेडी हो रहे हैं।
आशीष सूद ने यह भी कहा कि दिल्ली में पिछली राजनीति के कारण अब तक जो परिवर्तन रुके रहे, उन्हें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में तेजी से लागू किया जाएगा। अगले तीन वर्षों में दिल्ली के हर स्कूल और हर बच्चा निपुण संकल्प मिशन का हिस्सा बनेगा। साथ ही आने वाले चार वर्षों में कक्षा 9 से 12 तक हर क्लासरूम को स्मार्ट क्लासरूम में बदला जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से शिक्षा को पर्सनलाइज्ड बनाया जाएगा, लर्निंग आउटकम्स की निगरानी होगी और ड्रॉपआउट प्रेडिक्शन में मदद मिलेगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन, केंद्रीय मंत्री के सहयोग और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली शिक्षा सुधारों में अग्रणी भूमिका निभाएगी और विकसित भारत की विकसित राजधानी के रूप में सबसे आगे खड़ी होगी।
साभार – हिस

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