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स्वतंत्रता दिवस पर मोदी ने की जीएसटी सुधार समेत कई बड़ी घोषणाएं

नई दिल्ली। अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले को भारत के उत्थान के अगले अध्याय के लिए एक शुभारंभ-स्थल में बदल दिया। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, उन्होंने कई साहसिक घोषणाएँ कीं, जो एक ऐसे राष्ट्र का संकेत देती हैं, जो भविष्य में केवल कदम रखने के लिए नहीं, बल्कि छलांग लगाने के लिए तैयार है।

भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप बनाने से लेकर जेट इंजन बनाने तक, दस गुना परमाणु ऊर्जा विस्तार से लेकर युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के रोज़गार प्रोत्साहन तक, उनका संदेश स्पष्ट था: भारत अपना भाग्य स्वयं परिभाषित करेगा, अपनी शर्तें स्वयं निर्धारित करेगा और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखेगा।

प्रमुख घोषणाएँ:

  1. सेमीकंडक्टर: खोए हुए दशकों से लेकर मिशन मोड तक

यह याद करते हुए कि कैसे 50-60 साल पहले सेमीकंडक्टर कारखाने स्थापित करने के प्रयास “शुरुआत के समय ही समाप्त” हो गए थे, जबकि अन्य देश समृद्ध हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत अब मिशन मोड में है। इस वर्ष के अंत तक, देश अपनी पहली मेड इन इंडिया चिप का शुभारंभ करेगा।

  1. 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता में दस गुनी वृद्धि होगी

अगले दो दशकों में परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को दस गुना से अधिक बढ़ाने के भारत के मिशन के तहत 10 नए परमाणु रिएक्टरों पर काम चल रहा है।

  1. जीएसटी सुधार – एक दिवाली उपहार

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का दिवाली पर अनावरण किया जाएगा, जिसके तहत आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम होंगे और एमएसएमई, स्थानीय विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

  1. 10 ट्रिलियन डॉलर के भारत के लिए सुधार कार्य बल

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए एक समर्पित सुधार कार्य बल के गठन की घोषणा की। इसका कार्यादेश होगा: आर्थिक विकास में तेज़ी लाना, लालफीताशाही कम करना, शासन का आधुनिकीकरण करना और 2047 तक भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ज़रूरतों के लिए तैयार करना।

  1. 1 लाख करोड़ रुपये की पीएम विकसित भारत रोज़गार योजना

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 1 लाख करोड़ रुपये की एक बड़ी रोज़गार योजना की शुरुआत की, जिसके तहत नए रोज़गार पाने वाले युवाओं को प्रति माह 15,000 रुपये मिलेंगे। इस योजना का उद्देश्य 3 करोड़ युवा भारतीयों को लाभान्वित करना है, जिससे स्वतंत्र भारत से समृद्ध भारत तक का सेतु मज़बूत होगा।

  1. उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ और अवैध प्रवास के कारण जनसांख्यिकीय असंतुलन के ख़तरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए एक उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन शुरू करने की घोषणा की, ताकि भारत के नागरिकों की एकता, अखंडता और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

  1. ऊर्जा स्वतंत्रता – समुद्र मंथन की शुरुआत

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रेखांकित किया कि भारत के बजट का एक बड़ा हिस्सा अभी भी पेट्रोल, डीज़ल और गैस के आयात में खर्च हो जाता है। उन्होंने समुद्री संसाधनों के उपयोग के लिए राष्ट्रीय डीपवाटर अन्वेषण मिशन की शुरुआत तथा सौर, हाइड्रोजन, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा में बड़े विस्तार की घोषणा की।

  1. भारत में निर्मित जेट इंजन – एक राष्ट्रीय चुनौती

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि जिस तरह हमने कोविड के दौरान टीके बनाए और डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई का उपयोग किया, उसी तरह हमें अपने जेट इंजन भी बनाने चाहिए। उन्होंने अपने वैज्ञानिकों और युवाओं से इसे एक सीधी चुनौती के रूप में लेने का आग्रह किया।

आत्मनिर्भर भारत: एक मजबूत और विकसित भारत की नींव

79वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, अंतरिक्ष और विनिर्माण के क्षेत्र में हुई भारत की प्रगति का हवाला देते हुए, आत्मनिर्भर भारत को विकसित भारत के प्रमुख आधारभूत सिद्धांतों में से एक बताया। ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि रणनीतिक स्वायत्तता और स्वदेशी क्षमताएँ, खतरों से निर्णायक रूप से निपटने, आत्मनिर्भरता को राष्ट्रीय शक्ति, सम्मान और 2047 तक विकसित भारत की यात्रा का आधार बनाने के लिए बेहद अहम हैं।

आत्मनिर्भर भारत: प्रधानमंत्री श्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदू

  1. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और ऑपरेशन सिंदूर: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का एक उदाहरण बताया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्वदेशी क्षमताएँ, जिनमें भारत में निर्मित हथियार भी शामिल हैं, भारत को निर्णायक और स्वतंत्र रूप से कार्य करने में सक्षम बनाती हैं, जिससे यह साबित होता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी निर्भरता के भरोसा नहीं रह सकती।
  2. जेट इंजन में आत्मनिर्भरता: उन्होंने भारतीय नवप्रवर्तकों और युवाओं से भारत में ही जेट इंजन विकसित करने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य की रक्षा तकनीक पूरी तरह से स्वदेशी और आत्मनिर्भर हो।
  3. सेमीकंडक्टर और उच्च-तकनीकी नेतृत्व: भारत 2025 के अंत तक मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स लॉन्च करेगा, जो अहम तकनीकी क्षेत्रों में देश की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए एआई, साइबर सुरक्षा, डीप-टेक और ऑपरेटिंग सिस्टम में नवाचार पर ज़ोर दिया।
  4. अंतरिक्ष क्षेत्र की स्वतंत्रता:
  • ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का एलान किया, जिससे स्वदेशी अंतरिक्ष क्षमताओं के एक नए युग का संकेत मिलता है।
  • उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 300 से ज़्यादा स्टार्टअप, उपग्रहों, अन्वेषण और अत्याधुनिक अंतरिक्ष तकनीकों में सक्रिय रूप से नए विचारों पर काम कर रहे हैं, जिससे यह साफ होता है कि भारत न केवल अंतरिक्ष विज्ञान और अन्वेषण में भाग ले रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अग्रणी भूमिका भी निभा रहा है।
  1. स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा
  • प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा स्वतंत्रता के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और किसानों के कल्याण के लिए यह ज़रूरी है और यह किया जाएगा।
  • उन्होंने एलान किया कि एक तरफ जहाँ दुनिया ग्लोबल वार्मिंग पर बहस कर रही है, वहीं भारत ने 2030 तक 50% स्वच्छ ऊर्जा हासिल करने का संकल्प लिया, फिर भी, लोगों की प्रतिबद्धता की बदौलत, यह लक्ष्य 2025 तक पूरा हो गया।
  • सौर, परमाणु, जलविद्युत और हाइड्रोजन ऊर्जा को और उन्नत किया गया है, जो ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक अहम कदम है।
  • प्रधानमंत्री श्री मोदी ने निजी क्षेत्र की भागीदारी के ज़रिए परमाणु ऊर्जा के विस्तार पर भारत के फोकस पर बात की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10 नए परमाणु रिएक्टर चालू हैं और भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक, राष्ट्र का लक्ष्य, ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मज़बूत करते हुए और सतत् विकास को बढ़ावा देते हुए, अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को दस गुना बढ़ाना है।
  1. राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन: ऊर्जा, उद्योग और रक्षा के लिए ज़रुरी संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए, भारत ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन की शुरूआत की है, जिसके तहत 1,200 स्थलों की खोज की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन खनिजों पर नियंत्रण से रणनीतिक स्वायत्तता मज़बूत होती है, जिससे भारत के औद्योगिक और रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भर बने रहते हैं।
  2. राष्ट्रीय गहरे जल अन्वेषण मिशन: भारत अपने गहरे जल ऊर्जा संसाधनों का दोहन करेगा, ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मज़बूत करेगा और विदेशी ईंधन आयात पर निर्भरता कम करेगा।
  3. कृषि आत्मनिर्भरता और उर्वरक: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसानों को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की रक्षा के लिए, घरेलू स्तर पर उर्वरकों के उत्पादन की तत्काल ज़रुरत पर बल दिया। आयात पर निर्भरता कम करने से, देश का कृषि क्षेत्र स्वतंत्र रूप से फलता-फूलता रहेगा, किसानों का कल्याण होगा और भारत की आर्थिक संप्रभुता मजबूत होगी।
  4. डिजिटल संप्रभुता और स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवाओं से भारत के अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और डिजिटल बुनियादी ढाँचा विकसित करने का आह्वान किया, जिससे संचार, डेटा और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित और स्वतंत्र रहें और भारत की डिजिटल स्वायत्तता को मज़बूत किया जा सके।
  5.  दवाओं और नवाचार में आत्मनिर्भरता: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने “दुनिया की फार्मेसी” के रूप में भारत की ताकत पर प्रकाश डाला और अनुसंधान एवं विकास में और अधिक निवेश की तत्काल ज़रुरत पर बल दिया। उन्होंने पूछा, “क्या हमें मानवता के कल्याण के लिए सर्वोत्तम और सबसे सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध नहीं करवानी चाहिए?”
  • उन्होंने घरेलू दवा नवाचारों में भारत की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डाला और पूरी तरह से भारत में ही नई दवाइयाँ, टीके और जीवन रक्षक उपचार विकसित करने की ज़रुरत पर बल दिया।
  • भारत की कोविड-19 प्रतिक्रिया से प्रेरणा लेते हुए, जहाँ स्वदेशी टीकों और को विन जैसे मंचों ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई, उन्होंने राष्ट्र से नवाचार की इस भावना का विस्तार करने का आग्रह किया।
  • उन्होंने शोधकर्ताओं और उद्यमियों से नई दवाओं और चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के लिए पेटेंट हासिल करने का आह्वान किया, ताकि भारत न केवल अपनी स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी ज़रुरतों को पूरा कर सके, बल्कि वैश्विक कल्याण में भी योगदान दे तथा खुद को चिकित्सा आत्मनिर्भरता और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित भी करे।
  1. स्वदेशी का समर्थन: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नागरिकों और दुकानदारों से “वोकल फॉर लोकल” पहल के तहत भारत में निर्मित वस्तुओं का समर्थन करने का आग्रह किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि स्वदेशी उत्पादों की शुरूआत गर्व और शक्ति की भावना से होनी चाहिए, न कि मजबूरी से। उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने, उद्यमशीलता को समर्थन देने और भारत के आर्थिक और औद्योगिक आधार को मजबूत करने के लिए दुकानों के बाहर “स्वदेशी” बोर्ड जैसे दृश्य प्रचार का आह्वान किया।
  2. मिशन सुदर्शन चक्र: परंपरा का सम्मान और रक्षा को मजबूत करना: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने “मिशन सुदर्शन चक्र” के शुभारंभ का भी एलान किया, जिसका मकसद दुश्मन की रक्षा घुसपैठ को बेअसर करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाना है।

उन्होंने इस मिशन को पौराणिक श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र से जोड़ा और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत आधुनिक रक्षा नवाचारों में मार्गदर्शन के लिए, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से प्रेरणा लेता है। यह मिशन रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो किसी भी खतरे का त्वरित, सटीक और शक्तिशाली जवाब देने में सक्षम है।

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