Home / National / प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम का मकसद है अल्पसंख्यक समुदाय के कमजोर वर्गों को सरकारी योजनाओं में समान अवसर देना

प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम का मकसद है अल्पसंख्यक समुदाय के कमजोर वर्गों को सरकारी योजनाओं में समान अवसर देना

नई दिल्ली। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा वर्ष 2006 में इसके शुभारंभ के बाद से कार्यान्वित किया जा रहा है। यह एक व्यापक कार्यक्रम है, जो इसमें भाग लेने वाले मंत्रालयों तथा विभागों की विभिन्न योजनाओं तथा पहलों को कवर करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छह केंद्रीय अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के वंचित और कमजोर वर्गों को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के समान अवसर मिलें और वे देश के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान दे सकें।
यह जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

इसमें बताया गया कि 15 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजनाएं विशेष रूप से अधिसूचित अल्पसंख्यकों के लिए हैं। इसके अलावा अन्य सहभागी मंत्रालयों तथा विभागों द्वारा कार्यान्वित योजनाओं तथा पहलों के परिव्यय और लक्ष्यों का 15 प्रतिशत जहां तक संभव हो, अधिसूचित अल्पसंख्यकों के लिए निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम में शामिल अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और अन्य सहभागी मंत्रालयों की योजनाएं, जिनमें शिक्षा और रोजगार के लिए योजनाएं शामिल हैं, इस प्रकार हैं:-

-प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय)
-पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना (अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय)
-योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति योजना (अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय)
-राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम (एनएमडीएफसी) ऋण योजनाएं
-समग्र शिक्षा अभियान (शिक्षा मंत्रालय)
-दीन दयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई-एनआरएलएम) (ग्रामीण विकास मंत्रालय)
-दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (ग्रामीण विकास मंत्रालय)
-प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण विकास मंत्रालय)
-दीन दयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय)
-बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (वित्तीय सेवा विभाग)
-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (वित्तीय सेवा विभाग)
-पोषण अभियान (महिला एवं बाल विकास मंत्रालय)
-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग)
-आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग)
-राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (जल जीवन मिशन), (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग)

इसमें बताया गया कि 15 सूत्री कार्यक्रम में शामिल योजनाओं की निगरानी विभिन्न स्तरों पर सहभागी मंत्रालयों द्वारा की जाती है। अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय नोडल मंत्रालय के रूप में अपनी भूमिका में संतृप्ति स्तरों की प्राप्ति को सुगम बनाने के लिए कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य मंत्रालयों तथा विभागों की प्रासंगिक योजनाओं के कार्यान्वयन का समन्वय करता है। सरकार के संतृप्ति दृष्टिकोण के तहत कई घटकों ने मुख्यधारा में शामिल होने में सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदायों के लिए विभिन्न प्रासंगिक योजनाओं में लाभों की पूर्ण डिलीवरी में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल कार्यक्रम में कोई संशोधन प्रस्तावित नहीं है।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

सदन की मर्यादा व श्रेष्ठता बहाल करना मेरी प्राथमिकता- विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *