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नेहरू की चिट्ठियों को लेकर भाजपा ने उठाए सवाल, पूछा- गांधी परिवार क्या छुपाना चाहता है

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की चिट्ठियों पर अब विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी के सदस्य ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिख कर नेहरू की चिट्ठियों को वापस करने को कहा है। इसके साथ ही इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस से पूछा है कि वह आखिर जवाहर लाल नेहरू की चट्ठियों को क्यों छुपा रही है।
सोमवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया और प्रेसवार्ता करके भी कांग्रेस पार्टी से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के पत्राचार 1971 में जवाहर लाल नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय को दिए गए थे। इन सभी पत्रों को उस समय के जवाहर लाल नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय के डॉयरेक्टर से स्वीकृति लेकर करीब 51 डिब्बों में भर कर 5 मई, 2008 को सोनिया गांधी के घर भेज दिया गया। जवाहर लाल नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, एल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे। गांधी परिवार नहीं चाहता था कि ये पत्र जनता तक आएं। आखिर, इन पत्रों में ऐसा क्या था कि सोनिया गांधी नहीं चाहती थीं कि वो सार्वजनिक हों? उन्हें जनता को जवाब देना चाहिए।
संबित पात्रा ने पूछा कि आखिर क्‍यों पंडित नेहरू के खतों को छुपाया जा रहा है? उन्‍होंने आरोप लगाया कि पंडित नेहरू और माउंटबेटन की पत्‍नी के बीच जो खत लिखे गए थे, उसे गायब कर दिया गया है। नेहरू और जय प्रकाश नारायण के बीच जो बातचीत पत्रों के जरिए हुई, वो राष्ट्र की धरोहर है और उन पत्रों को वापस किया जाना चाहिए। संबित पात्रा ने कहा कि नेहरू ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा, जिसे सेंसर करने की जरूरत पड़ गई।

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में भी कहा, “मेरे लिए यह जानना दिलचस्प है कि नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा होगा, जिसे सेंसर करने की जरूरत पड़ी और क्या लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी नेहरू और एडविना के बीच हुए पत्रों को वापस लाने में मदद करेंगे!”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी के सदस्य रिज़वान कादरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है और उनसे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खत वापस करने को कहा है। सोसाइटी के अनुसार ये ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज हैं। ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल ने 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी को दिए थे।
दरअसल, यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 डिब्बों में भर कर नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, एल्बर्ट आइंस्टाइन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ़ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत आदि को लिखे थे।
पीएमएमएल के सदस्य रिज़वान क़ादरी ने 10 दिसंबर को राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे ये पत्र वापस मांगे हैं। इससे पहले सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था। अब राहुल गांधी से कहा गया है कि या तो सोनिया गांधी से ओरिजनल पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फ़ोटोकॉपी दिलवाएं।
साभार -हिस

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